बुर्किना फासो में हुए आतंकवादी हमले में ३० लोगों की मौत – १२ से अधिक आतंकवादियों को मार गिराने का लश्कर का दावा

terror-attack-burkina-faso-1ओआगाडौगौ – अफ्रीका के बुर्किना फासो में हुए आतंकवादी हमले में १५ जवानों समेत ३० लोगों की मृत्यु हुई है। इस हमले को लष्कर ने दिए प्रत्युत्तर में १२ से अधिक आतंकी ढेर हुए बताए जाते हैं। पिछले तीन महीनों में बुर्किना फासो में हुआ यह दूसरा बड़ा आतंकवादी हमला साबित हुआ है। कुछ दिन पहले ही अमरीका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने, अफ्रीका के ‘साहेल’ क्षेत्र से लेकर ‘हॉर्न ऑफ आफ्रिका’ के रूप में जाने जानेवाले भाग तक आतंकवाद का दावानल भड़का है, ऐसी गंभीर चेतावनी दी थी।

बुर्किना फासो के उत्तरी ओर नायजर सीमा से सटकर होनेवाले गाँवों को आतंकवादी हमले में लक्ष्य किया गया। मार्कोय शहर से लगभग १० किलोमीटर की दूरी पर होनेवाले डमबम, गुवारा और तोकाबान्गो इन गाँवों पर आतंकवादी गुट ने हमले किए। इन हमलों में ११ नागरिकों की मृत्यु हुई। इस समय आतंकवादियों ने गाँव की मवेशियों को कब्जे में करके कई घरों और मालमत्ताओं को आग लगाई।

terror-attack-burkina-faso-3हमले की खबर मिलते ही मार्कोय स्थित लष्करी पथक वहाँ शीघ्रतापूर्वक चला आया। तोकाबान्गो गाँव के पास आतंकवादी और लष्कर के बीच बड़ा संघर्ष हुआ। इस संघर्ष में १५ लष्करी जवानों की मृत्यु हुई। लष्कर के साथ होनेवाले नागरी सशस्त्र गुटों के चार लोगों की भी मृत्यु होने की जानकारी रक्षा विभाग ने दी। कार्रवाई के दौरान कम से कम १२ आतंकवादियों को मार गिराया होने की जानकारी दी गई है। उसके बाद लष्कर की अतिरिक्त टुकड़ियाँ तैनात कीं गईं होकर, अन्य आतंकवादियों की खोज जारी है, ऐसा बताया जाता है।

हमले की ज़िम्मेदारी का स्वीकार हालाँकि किसी भी संगठन ने नहीं किया है, फिर भी आयएस और अल कायदा से जुड़े गुट ने यह हमला करने का गहरा शक जताया जाता है। पिछले तीन महीनों में यह दूसरा बड़ा आतंकवादी हमला साबित हुआ है। इससे पहले नाइजर सीमा से सटे बुर्किना फासो के सोल्हान और नजदीकी भाग में हुए हमले में १०० से १५० लोगों की मृत्यु हुई थी। यह बुर्किना फासो में हुआ सबसे बड़ा और भीषण आतंकवादी हमला माना जाता है। सन २०१५ से बुर्किना फासो में आतंकवादी हमलों की तीव्रता बढ़ी होकर, पड़ोसी देश माली और नाइजर के आतंकवादी संगठन ये हमलें कर रहे हैं, ऐसे दावे किए जाते हैं।

terror-attack-burkina-faso-2पिछले कुछ सालों में ‘साहेल रिजन’ और ‘हॉर्न ऑफ आफ्रिका’ के नाम से जाने जाने वाली भाग में आतंकवादी संगठनों के कारनामें बड़े पैमाने पर बढ़े होकर, अफ्रीकी देश उनका मुकाबला करने में पूरी तरह असफल साबित हुए हैं। इन देशों में माली, नाइजर, बुर्किना फासो, चाड, नाइजीरिया, सोमालिया, केनिया इन देशों का समावेश है। अल शबाब और बोको हराम इन आतंकवादी संगठनों के साथ ही अल कायदा और आयएस भी अफ्रीका में अपना प्रभाव बढ़ा रहे होने की बात सामने आ रही है।

बुर्किना फासो में आतंकवादी हमलों में अब तक डेढ़ हजार से अधिक लोगों की जान गई होकर, लगभग १३ लाख लोगों को विस्थापित होना पड़ा है। लगातार होनेवाले आतंकवादी हमलों के कारण, जनता में सरकार के खिलाफ तीव्र असंतोष की भावना है और उसके विरोध में प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं।

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