सीरिया में अमरिका ने किए हमले में १०० अस्साद समर्थक ढेर

वॉशिंग्टन/बैरूत/मॉस्को: अमरिका ने सीरिया की पूर्व में स्थित ‘देर अल-झोर’ इलाके में किए हवाई हमले में अस्साद राजवट के पक्ष में लड़ने वाले १०० जवान ढेर हो गए। सीरिया में अस्साद राजवट को बचाने के लिए ईरान के जवान और हिजबुल्लाह के आतंकवादी लड़ रहे हैं। अमरिका के हमले में इनमें से कोई मारा गया है क्या, यह अभी तक पता नहीं चला है। दौरान, सीरिया के अमरिका समर्थक बागी और कुर्दों के समूहों पर सीरियन लष्कर ने किए हमले को प्रत्युत्तर के तौर पर यह कार्रवाई की गई है, ऐसा अमरिकी अधिकारियों ने स्पष्ट किया है। रशिया ने अमरिका के इस हमले पर टीका की है।

अस्साद

‘देर अल-झोर’ में स्थित ‘युफ्रेटस नदी’ के क्षेत्र का सीरियन बागियों के कब्जे वाले भूभाग पर कब्ज़ा लेने के लिए सीरियन लष्कर के हमले शुरू हैं। अमरिका समर्थक ‘सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस’ इस सीरियन बागियों के मुख्यालय पर और कुर्द बागियों के ठिकानों पर सीरियन लष्कर ने हमले किए थे। टैंक और लड़ाकू विमानों के द्वारा किए हमले गैर जिम्मेदाराना थे, यह टीका अमरिकी अधिकारी ने की है। इसे प्रत्युत्तर देने के लिए अमरिका ने ‘देर अल-झोर’ हमले करने वाले सीरियन लष्कर और सहाय्यक समूहों पर जोरदार हमले किए’ ऐसा दावा इस अधिकारी ने किया है। अमरिका की यह लष्करी कार्रवाई आत्मरक्षा के लिए थी, ऐसा अमरिकी अधिकारी ने कहा है।

सीरिया के अस्साद राजवट ने ‘देर अल-झोर’ इलाके में घोषित किए संघर्ष में सीरियन लष्कर के साथ साथ ईरान के ‘अल-कुटस’ इस लष्करी पथक के जवान, लेबेनॉन के ईरान समर्थक हिजबुल्लाह के आतंकवादी और इराक, अफगानिस्तान के ईरान समर्थक गुट के जवान शामिल हुए थे। इस वजह से अमरिका की इस कार्रवाई में इन सीरिया समर्थक गुटों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है, ऐसी संभावना जताई जा रही है।

अमरिका के सीरिया के इस हमले पर रशिया ने तीव्र प्रतिक्रिया दी है। ‘अमरिकी अधिकारियों ने कोई भी कारण बताया हो, लेकिन अमरिका की यह कार्रवाई गैरजिम्मेदाराना और अवैध थी। अमरिका ने सीरिया के सार्वभौमत्व का फिर से उल्लंघन किया है’, ऐसा आरोप रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लाव्हरोव्ह ने किया है। रशियन सिनेट के सुरक्षा और रक्षा समिति के उपाध्यक्ष सिनेटर फ़्रांस क्लिंटसेविच ने अमरिका ने सीरिया पर किए हमले पर टीका की है। ‘अमरिका की कार्रवाई कानून की चौखट में बैठने वाली नहीं है। यह आक्रमण का प्रकार है’, ऐसा आरोप क्लिंटसेविच ने लगाया है। ‘अमरिका ने इस से पहले सीरिया में इस तरह की खुलकर कार्रवाई की नहीं थी, इस वजह से अब की कार्रवाई बहुत ही अलग साबित होती है’, ऐसा आरोप भी क्लिंटसेविच ने लगाया है। अस्साद की राजवट सीरिया में रासायनिक हथियारों का प्रयोग कर रही है। इस राजवट को रोकने के लिए अमरिका सीरिया पर हमले करेगा, ऐसा इशारा अमरिका ने कुछ दिनों पहले दिया था। ‘देर अल-झोर’ पर हमला करके अमरिका ने अपने इशारे को वास्तव में उतारा है, ऐसा दिखाई दे रहा है।

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