हिंसा बंद ना होने पर सेना की तैनाती होगी – राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प की चेतावनी

वॉशिंग्टन – जॉर्ज फ्लॉईड नामक कृष्णवर्णीय नागरिक की मृत्यु होने के बाद अमरीका के कई हिस्सों में शुरू हुई हिंसा रोकने में यदि स्थानीय यंत्रणाएँ नाकाम हुईं, तो देश में सेना की तैनाती करनी होगी, यह चेतावनी अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दी है। इस दौरान ट्रम्प ने, अमरीका में भड़की हिंसा के पीछे अराजकतावादी एवं ‘अँटिफा’ यह चरमपंथी संगठन होने का आरोप भी किया है। अमरीका के ७५ से भी अधिक शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं और ४० से भी अधिक शहरों में कर्फ्यु लगाने का ऐलान किया गया है। पिछले कुछ दिनों में पुलिसों पर हमले और आगजनी एवं लूट करनेवाले पाँच हज़ार से भी अधिक दंगाइयों को सुरक्षा यंत्रणा ने हिरासत में लिया है।

Donald Trumpअमरीका के मिनीआपोलिस शहर में पिछले हफ़्ते में एक पुलिस कार्रवाई के दौरान जॉर्ज फ्लॉईड इस ४६ वर्ष के कृष्णवर्णीय नागरिक की मौत हुई थी। उसकी मृत्यु के लिए जिम्मेदार कहे गए पुलिस अधिकारी डेरेक शॉविन पर हत्या का अपराधिक मामला दर्ज किया गया है और अन्य तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। लेकिन, फिर भी अमरीका में कृष्णवर्णीय नागरिकों पर होनेवाले अत्याचारों का मुद्दा आगे करके देशभर में राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प को लक्ष्य करनेवालें प्रदर्शन शुरू हुए हैं। पिछले सात दिनों से शुरू इन प्रदर्शनों ने हिंसक मोड़ ले लिया है और अमरीका के कई शहरों में बड़ी मात्रा में आगजनी एवं लूट शुरू हुई हैं।

अमरीका के २४ राज्यों के कई शहरों में १६ हज़ार से भी अधिक नैशनल गार्डस्‌ के सैनिकों की तैनाती की गई है। लेकिन, इसके बाद भी हिंसा नियंत्रण में नहीं आ सकी है और ऐसें में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अंतिम चेतावनी जारी की है। यह चेतावनी देने के साथ ही ट्रम्प ने, अमरीका के कुछ राज्यों के स्थानीय प्रशासन उचित सहयोग ना दे रहे होने का आरोप भी रखा है।

‘अमरीका के शहर और राज्यों के स्थानीय प्रशासन, आपात्काल के दौरान रिज़र्व्ह लष्करी बल ‘नैशनल गार्डस्‌’ की तैनाती कर सकते हैं। उनकी पर्याप्त तैनाती स्थिति पर नियंत्रण प्राप्त कर सकती है। लेकिन, यदि स्थानीय प्रशासन ने आवश्‍यक कार्रवाई करने के लिए विरोध जताया, तो उन हिस्सों में मैं तुरंत ही अमरिकी सेना की तैनाती करूँगा और स्थिति पर नियंत्रण प्राप्त करूँगा, ऐसी कड़ी चेतावनी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने जारी की है। इसी समय ट्रम्प ने, देश में हो रही हिंसा की घटनाओं के पीछे कुछ विशिष्ट गुट होने का आरोप करके, इन गुटों को बिलकुल भी बक्शा नहीं जाएगा, यह चेतावनी भी दी।

USA violence‘अमरीका में हो रही हिंसा के पीछे ‘अराजकता का कारोबार करनेवाले’ एवं ‘चरमपंथी’ होनेवाले ‘अँटिफा’ जैसे गुट हैं। देशभर में आतंक का माहौल निर्माण करनेवाले इन गुटों को अपराधिक स्वरूप की कड़ी सज़ा भुगतनी होगी, यह बात भी वे ध्यान में रखें, इन आक्रामक शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने निर्णायक कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं। रविवार के दिन ट्रम्प ने, ‘अँटिफा’ को जल्द ही आतंकी संगठन घोषित किया जाएगा, यह चेतावनी भी दी थी। फ्लॉईड की मृत्यु से व्यथित हुई अमरिकी जनता का गुस्सा हालाँकि जायज़ है, लेकिन हिंसक गुट इस स्थिति का नाजायज़ फ़ायदा उठा रहे हैं, यह दावा भी अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने किया।

व्हाईट हाउस में आयोजित वार्तापरिषद मे लष्करी तैनाती की चेतावनी देने से पहले राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प राजधानी वॉशिंग्टन में स्थित सेंट जॉन्स चर्च पहुँचे। रविवार के दिन वॉशिंग्टन में हुई हिंसा के दौरान दंगा करनेवाले झुंड ने इस चर्च को बड़ा नुकसान पहुँचाया था। इस पृष्ठभूमि पर ट्रम्प का इस चर्च पहुँचना ध्यान आकर्षित कर रहा है। इसी बीच, ट्रम्प ने लष्करी तैनाती के बारे में दी हुई चेतावनी पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज की है। डेमोक्रॅट पार्टी के नेता एवं पूर्व उपराष्ट्राध्यक्ष जो बिडेन ने, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प अमरिकी जनता के विरोध में देश की सेना का इस्तेमाल कर रहें हैं, यह आलोचना की है।

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