जम्मू-कश्‍मीर में छावनी लगाने के लिए सेना करेगी जमीन की खरीद

श्रीनगर – जम्मू-कश्‍मीर में अपनी छावनी लगाने के लिए सेना जमीन की खरीद कर रही हैं और इसके लिए सेना ने बारामुल्ला जिला प्रशासन के सामने अर्जी पेश करने की ख़बर भी प्राप्त हुई है। जम्मू-कश्‍मीर को विशेष दर्जा प्रदान करनेवाली धारा ३७० पिछले वर्ष अगस्त महीने में हटाई गई थी। इस धारा के कारण प्राप्त हुआ विशेष दर्जा और इसमे के ‘आर्टिकल 35 ए’, इनकी वज़ह से बाहर के किसी को भी जम्मू-कश्‍मीर में जमीन की खरीद करने का अधिकार नही था। इतना ही नहीं, बल्कि सेना को भी अपना शिविर या अड्डा स्थापित करने के लिए जमीन का अधिग्रहण करना मुमकिन नहीं था। राज्य सरकार सेना को भाड़े पर जमीन उपलब्ध करा रहीं थी। लेकिन, धारा ३७० हटाने के कारण राज्य में अब सेना एवं कारोबारियों को जमीन की खरीद करने का मार्ग खुला हुआ था। इसके बाद पहली बार सेना ने बारामुल्ला में जमीन खरीद करने के लिए अर्जी दाखिल की है।

भारतीय सेना की ‘१९ इन्फंट्री डिव्हिजन ऑर्डिनन्स युनिट’ ने उत्तरी कश्‍मीर के पट्टन इलाके के टप्परवारी गाँव में १२९ कनाल १६.१२ एकड़ जमीन की खरीद करने का प्रस्ताव जिला प्रशासन को दिया है। जिला प्रशासन को यदि यह ज़मीन बेचनी है, तो यह जमीन खरीदने की अपनी इच्छा होने की बात, सेना ने जिला प्रशासन को लिखे खत में बयान की है। फिलहाल इस इलाके में १९ इन्फंट्री डिव्हजन ने अस्थायी तौर पर अड्डा बनाया है, यह जानकारी रक्षा बल के सूत्रों ने साझा की। जमीन खरीदने के लिए सेना ने पहली बार सीधे स्थानिय प्रशासन से संपर्क किया है।

इसी बीच, सेना की ओर से जमीन खरीद करने का निर्णय, यह एक अहम कदम साबित होगा, यह दावा विश्‍लेषक कर रहे हैं। फिलहाल सेना और अन्य विभाग वहाँ पर लगभग ५६ हज़ार एकड़ जमीन का इस्तेमाल कर रहें हैं। इसके लिए सरकार एवं जमीन के मालिकों को भाड़ा दिया जा रहा है। लेकिन, अब पहली बार जमीन खरीद करने के लिए कदम उठाया जा रहा है।

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्‍मीर में नये डोमिसाईल कानून पर अमल शुरू किया है। इस कानून की वज़ह से, वहाँ पर नौकरी एवं काम के कारण १५ वर्ष रहनेवालों को जम्मू-कश्‍मीर के निवासी होने का अधिकार प्राप्त होगा। सरकार के इस निर्णय के बाद पाकिस्तान आगबबूला हुआ था। इसी बीच अब सेना ने जमीन खरीद करने के लिए गतिविधियाँ शुरू की हैं।

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