संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा में ‘जेरुसलेम’ विरोधी अनुबंध मंजूर- अमरिका की प्रतिक्रिया

न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्रसंघ के १२८ देशों ने ‘जेरुसलेम’ को इस्रायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने से इन्कार किया है। आमसभा में अमरिका और इस्रायल के खिलाफ अनुबंध के पक्ष में मतदान करने वाले देशों में रशिया और चीन के साथ, भारत, ब्रिटन, फ़्रांस, जर्मनी, इटली, जापान इन अमरिका के मित्र देशों का भी समावेश था।

संयुक्त राष्ट्रसंघ के इस अनुबंध को हम कीमत नहीं देते, ऐसा कहकर अपने इस्रायल के दूतावास को ‘जेरुसलेम’ में स्थानांतरित किया जाएगा, ऐसी अमरिका ने घोषणा की है। लेकिन इस अनुबंध को अमरिका याद रखेगा ऐसा कहकर विरोध में मतदान करने वाले देशों के मामले में अमरिका की नीति बदलेगी, ऐसा इशारा अमरिकी राजदूत निकी हॅले ने दिया है।

इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने संयुक्त राष्ट्रसंघ के इस निर्णय पर टीका की है। इस अनुबंध पर मतदान पूरा होने से पहले ही संयुक्त राष्ट्रसंघ की दीवारों की बहार की दुनिया तेजी से बदल रहा है, ऐसा कहकर इस वास्तव का राष्ट्रसंघ को एहसास नहीं है, ऐसा ताना मारा है।

तुर्की और अन्य इस्लामिक देशों ने किए आवाहन के बाद गुरुवार को संयुक्त राष्ट्रसंघ के आमसभा की बैठक ली गई। इस आमसभा में ‘जेरुसलेम’ को इस्रायल की राजधानी घोषित करने के अमरिका के निर्णय पर सार्वजनिक रूप से मतदान लिया गया। इस मतदान में १२८ देशों ने ‘जेरुसलेम’ संबंध में अमरिका के निर्णय के खिलाफ और ९ देशों ने इस निर्णय के समर्थन में मतदान किया है।

इस में अमरिका और इस्रायल के साथ, ग्वातेमाला, होंडूरास, टोगो, माईक्रोनेशिया, नाऊरू, पलाऊ और मार्शल आयरलैंड इन देशों का समावेश था। संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में अमरिका का पक्ष लेने वाले कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, मेक्सिको, पोलैंड, फ़िलिपाइन्स, कोलम्बिया, हैती और ऐसे करीब ३५ देशों के प्रतिनिधि उपस्थित होते हुए भी किसी भी पक्ष में मतदान देना टाला है। २१ देशों के प्रतिनिधि इन फैसले के दौरान अनुपस्थित थे।

इस मतदान के बाद संयुक्त राष्ट्रसंघ की राजदूत निकी हॅले ने इस के आगे के परिणामों के संकेत दिए। ‘सार्वभौम देश ने लिए निर्णय के खिलाफ मतदान हुआ यह दिन अमरिका याद रखेगा, संयुक्त राष्ट्रसंघ को सबसे ज्यादा अर्थसहायता देने के लिए जब अमरिका से मदद मांगी जाएगी, तब हम इस दिन को याद रखेंगे। साथ ही अन्य देशों की ओर से अमरिका से अर्थसहायता देने की अथवा अपना प्रभाव इस्तेमाल करने की मांग की जाएगी, तब भी आज का दिन हमें याद रहेगा’, ऐसा हॅले ने इशारा दिया है।

दौरान, राष्ट्रसंघ में गुरुवार को हुए इस चुनाव का तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने स्वागत किया है और अमरिका ने इस निर्णय का आदर रखकर जेरुसलेम के बारे में निर्णय वापस ले, ऐसी मांग की है। संयुक्त राष्ट्रसंघ में संमत हुआ यह अनुबंध मतलब अमरिका के हस्तक्षेप को दुनिया ने दिया हुआ नकार है, ऐसी प्रतिक्रिया ईरान के विदेश मंत्री जावेद झरिफ ने दी है।

संयुक्त राष्ट्रसंघ का यह निर्णय अमरिका के लिए बंधन करक नहीं है, ऐसा कहकर तेल अविव में स्थित अमरिका का दूतावास इस्रायल की राजधानी जेरुसलेम में जल्द ही स्थानांतरित की जाएगी, ऐसा हॅले ने घोषित किया है। अमरिका और इस्रायल ने इस संदर्भ में अपनाई हुई आक्रामक भूमिका की वजह से संयुक्त राष्ट्रसंघ के अनुबंध के बाद भी ‘जेरुसलेम’ का विवाद बढने के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं।

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