बडे आवेश के साथ पाकिस्तान ने शुरू की हुई भारतविरोधी राजनयिक मुहीम नाकाम

नई दिल्ली/इस्लामाबाद – ‘धारा ३७०’ मामले में संयुक्त राष्ट्रसंघ के सामने अपील करके भारत के विरोध में अमरिका और चीन से सहायता की मांग कर रहे पाकिस्तान के हिस्से में बडी निराशा प्राप्त हुई है| कश्मीर यह द्विपक्षिय प्रश्‍न होने की बात कहकर संयुक्त राष्ट्रसंघ ने पाकिस्तान को ‘शिमला समझौते’ की याद दिलाई| अमरिका ने भी कश्मीर संबंधी अपनी भूमिका में बदलाव नही हुआ है, यह पाकिस्तान को सुनाया है| वही, पाकिस्तान का निकटतम मित्रदेश होनेवाले चीन ने धारा ३७० का जिक्र किए बिना पाकिस्तान को भारत के साथ बातचीत करने की सूचना की है| साथ ही तालिबान ने भी कश्मीर का प्रश्‍न अफगानिस्तान से ना जोडें, इस नसियत के साथ पाकिस्तान को इशारा दिया है|

शुक्रवार के दिन भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार ने पाकिस्तान कश्मीर की सच्चाई स्वीकार करें, यह सूचित किया था| जम्मू-कश्मीर यह भारत का अंदरूनि मामला है और इसमें हस्तक्षेप करने की निती पाकिस्तान छोड दे, ऐका रविश कुमार ने कहा| बडे बडे दावे करके कश्मीर प्रश्‍न पर आक्रामक राजनयिक मुहीम शुरू करने की दहाड लगानेवाले पाकिस्तान के हिस्से मिली इस नाकामयाबी के बाद रविश कुमार ने किया यह विधान अहमियत रखता है| संयुक्त राष्ट्रसंघ में पाकिस्तान की राजदूत मलिहा लोधी ने ‘धारा ३७०’ का मुद्दा उपस्थित किया और कश्मीर में भारत अत्याचार कर रहा है, यह आरोप भी उन्होंने किया| लेकिन, इसे संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव एंटोनिओ गुतेरस ने ज्यादा किमत नही दी है|

जम्मू-कश्मीर यह भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मसला है और इस समस्या का शिमला समझौते के दायरे में हल निकाल ने की सलाह गुतेरस ने दी| अगल शब्दों में संयुक्त राष्ट्रसंघ पाकिस्तान की मांग के नुसार हस्तक्षप नही करेगी, यही बात गुतेरस ने स्पष्ट की है| अमरिका ने भी पाकिस्तान को झटका देकर कश्मीर को लेकर अपनी भूमिका पहले की तरह कायम होने की बात स्पष्ट की| अमरिका के साथ ही चीन ने भी पाकिस्तान को झटका दिया है और भारत के साथ बातचीत करने का निवेदन किया|

पाकिस्तान के विदेशमंत्री शहा महमूद कुरेश बडी अपेक्षा के साथ चीन पहुंचे थे| इस यात्रा के दौरान वह चीन के सामने भारत के विरोध में राजनयिक, आर्थिक एवं लष्करी सहायता की मांग करेंगे, ऐसे समाचार प्रसिद्ध हुए थे| जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान ने कब्जा किए हुए कश्मीर के साथ चीन के नियंत्रण में होनेवाले अक्साई चीन का भी समावेश होने का दावा भारत के गृहमंत्री ने संसद में किया था| इस पर चीन ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है और भारत हमारी सार्वभूमता नजरअंदाज कर रहा है, ऐसा चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा| इस वजह से धारा ३७० के मामले में चीन अब पाकिस्तान के पक्ष मे ही रहेगा, यह मान कर ही पाकिस्तान चल रहा था|

लेकिन, इस बार चीन ने पाकिस्तान को अच्छा झटका दिया है| चीन के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को भारत के साथ बातचीत करने की सलाह देकर इस क्षेत्र में स्थिरता और शांति बरकरार रखने का निवेदन किया|

एकतरफा कार्रवाई से शांति के लिए खतरा बने, ऐसे निर्णय कोई ना करें, यह उम्मीद चीन के विदेश मंत्रालय ने एक निवेदन से व्यक्त की| लेकिन, इसमें धारा ३७० का जिक्र चीन ने बिलकूल नही किया है, इस ओर भारतीय विश्‍लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे है| इस वजह से पाकिस्तान ने भारत के विरोध में शुरू की हुई राजनयिक मुहीम को बडा झटका लगा है|

इतना ही नही, अब तालिबान ने भी पाकिस्तान को यह सूचना की है की, ‘कश्मीर प्रश्‍न अफगानिस्तान की समस्या से ना जोडें|’ इस्लामधर्मी देशों ने भी पाकिस्तान के उत्साह में बढोतरी होनेवाली प्रतिक्रिया व्यक्त नही की है|

इस वजह से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने बडे आवेश के साथ शुरू की हुई यह राजनयिक मुहीम काफी जल्दी नाकाम होने की बात दिख रही है| यह नाकामयाबी छुपाने के लिए पाकिस्तान की सेना आगे आयी है| भारत ने हरकत की तो पाकिस्तान की सेना उसे फरवरी महीने में दिया था, उससे भी अधिक करारा प्रत्युत्तर देगी, यह इशारा पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने दिया है|

ऐसे समाचार प्रसिद्ध करके पाकिस्तानी माध्यमों को अपने देश की राजनयिक स्तर पर दिखाई दे रही नाकामयाबी छिपानी पड रही है|

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