अमरुल्लाह सालेह के नेतृत्व में ‘नॉर्दन अलायन्स’ के तालिबान पर हमले जारी

बझारक – अश्रफ गनी ने पलायन करने के बाद, खुद को ही अफगानिस्तान का राष्ट्राध्यक्ष घोषित करनेवाले अमरुल्ला सालेह ने, तालिबान के आतंकियों के कब्ज़े से चरीकर इलाका वापस हासिल किया। दो दशक पहले अफगानिस्तान में तालिबान के विरोध में संघर्ष करने वाले ‘नॉर्दन अलायन्स’ के साथ सालेह ने मोरचा बनाया है। तालिबान विरोधी गुट सालेह के नेतृत्व में एकत्रित आ रहे हैं। ताजिकिस्तान ने भी, सालेह ये ही अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष है, ऐसा कहा है।

‘नॉर्दन अलायन्स’अफगानिस्तान के परवान प्रांत के चरीकर इलाके पर तालिबान के आतंकियों ने कब्ज़ा किया था। लेकिन सालेह के नेतृत्व में जमा हुई टोलियों ने, चरीकर का नियंत्रण पुनः हासिल करके तालिबान के आतंकियों को खदेड़ दिया। उसके बाद इन टोलियों ने ‘नॉर्दन अलायन्स’ का ध्वज चरीकर इलाके में फहराया। पंजशीर प्रांत की सड़कों में जगह-जगह पर ‘नॉर्दन अलायन्स’ के ध्वज लहरा रहे होने के फोटोग्राफ्स और वीडियो सामने आ रहे हैं। वहीं, पंजशीर पर कब्ज़ा करने के लिए तालिबान के आतंकियों ने कुछ जगहों पर हमले शुरू किए होने की खबरें आ रही हैं।

सालेह ने तालिबान की विरोध में पुकारे इस संघर्ष के कारण ‘नॉर्दन अलायन्स’ फिर से मजबूत हो रहा है, ऐसा कहा जाता है। अफगानिस्तान की गुप्तचर यंत्रणा का प्रमुख पद और उपराष्ट्राध्यक्षपद स्वीकारने से पहले सालेह ये नॉर्दन अलायन्स के सदस्य थे। नॉर्दन अलायन्स के प्रमुख अहमद शाह मसूद ये सालेह का आदर्श थे। अहमद शाह मसूद के बाद पंजशीर प्रांत का नेतृत्व उनके बेटे अहमद मसूद के पास होकर, वे सालेह के दोस्त माने जाते हैं।

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