अश्रफ गनी की अनुपस्थिति के कारण अमरुल्लाह सालेह ने स्वयं को राष्ट्राध्यक्ष घोषित किया

काबुल – राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी की अनुपस्थिति में हम ही अफ़गानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्राध्यक्ष बनते हैं, यह ऐलान करके उप-राष्ट्राध्यक्ष अमरुल्लाह सालेह ने इस देश की गतिविधियों को एक अलग ही मोड़ दिया है। तालिबान के कब्ज़े से बाहर रहे अफ़गानिस्तान के पंजशीर क्षेत्र में स्थित सालेह ने यह ऐलान करके हम तालिबान के सामने अपना सर नहीं झुकाएँगे, यह ऐलान किया है। अमरीका और नाटो सेनाओं की तरह हम घुटने नहीं टेकेंगे, यह संदेश देकर अमरुल्लाह सालेह ने तालिबान के साथ संघर्ष करने की तैयारी जुटाई है।

amrullah-saleh-president-afghanतालिबान के कड़े विरोधी अफ़गान नेता अहमद शहा मसूद के बेटे के नियंत्रण में पंजशीर प्रांत में अमरुल्ला सालेह ने आश्रय लिया है। तालिबान के खिलाफ अफ़गान नागरिकों को एकजुट करके यहीं से हमारा संघर्ष शुरू होगा, यह बयान सालेह ने किया था। तभी, तालिबान के आतंकी सालेह को खत्म करने की कोशिश में होने की खबरें प्राप्त हुईं थी। लेकिन, अन्य नेता अफ़गानिस्तान छोड़कर अपनी जान बचाने की कोशिश में होने की स्थिति में सालेह बड़ा खतरा उठाकर अफ़गानिस्तान में ही ठहरे हैं। इस वजह से तालिबान के विरोधीयों के लिए आवश्‍यक बड़ा नेता उभरता हुआ दिख रहा है।

सोशल मीडिया पर अपने संदेश में अमरुल्लाह सालेह ने अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन पर कड़ी नाराज़गी जताई है। अफ़गानिस्तान से अमरीका की सेना वापसी पर राष्ट्राध्यक्ष बायडेन से विवाद करने में अब बिल्कुल ही मतलब नहीं रहा। तालिबान यानी अमरीका को पराजित करनेवाले वियतनामी नहीं हैं, यह बयान सालेह ने किया। ‘अमरीका और नाटो की तरह हमने उम्मीद छोड़ी नहीं है। हमारे सामने अभी भी बड़े अवसर हैं। अब फिजूल इशारे कुछ काम के साबित नहीं होंगे। इसके बजाय तालिबान विरोधी संघर्ष में शामिल हों’, यह बयान अमरुल्लाह सालेह ने किया।

अफ़गानिस्तान के काफी ज़मीन पर तालिबान ने कब्ज़ा किया है फिर भी रशीद खान दोस्तम, गुलबद्दीन हिकमतयार यह तालिबान विरोधी नेता अपने इलाकों में अभी भी प्रभाव बनाए हुए हैं। अमरुल्लाह सालेह ने उनसे निवेदन करने की बात सामने आ रही है। ‘अफ़गानिस्तान के सभी नेताओं से हम संपर्क करेंगे, इस संघर्ष में उनकी सहायता और सहयोग की उम्मीद है’, ऐसा सालेह ने कहा है। इसके ज़रिये तालिबान के खिलाफ नया लष्करी गुट बनाने का संदेश सालेह ने दिया। इसे अफ़गान नेताओं का समर्थन मिला तो तालिबान से टकरानेवाली शक्ति का उदय हो सकता है।

इसी बीच, अमरुल्लाह सालेह यह तालिबान के पीछे अपना समर्थन खड़ा करनेवाले पाकिस्तान के कड़े विरोधी हैं। अब स्वयं को अफ़गानिस्तान का राष्ट्राध्यक्ष घोषित करके संघर्ष की तैयारी कर रहे इस नेता की वजह से तालिबान विरोधियों को कुछ हद तक राहत मिलती दिखाई दे रही है। अगले दिनों में तालिबान के विरोधियों को एकजुट करने में सालेह को कामयाबी प्राप्त हुई तो अफ़गानिस्तान का चित्र फिर से बदल सकता है।

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