‘ऍम्नेस्टी इंटरनॅशनल इंडिया’ ने भारत के सभी दफ़्तर बंद कर दिये

नयी दिल्ली/बैंगलुरू, दि. १८ (वृत्तसंस्था)- ‘ऍम्नेस्टी इंटरनॅशनल इंडिया’ ने भारत के सभी दफ्तर थोड़े दिन के लिए बंद रखने का फ़ैसला किया है| साथ ही, इस संस्था ने आयोजित किये हुए सारे कार्यक्रम भी रद कर दिये हैं| ‘ऍम्नेस्टी’ ने बैंगलुरू में आयोजित किये हुए जम्मू-कश्मीर संबंधित एक कार्यक्रम में, भारत के खिलाफ़ नारे लगाये गये थे| इस कार्यक्रम का वीडियो सामने आने के बाद इस संस्था के खिलाफ़ मंगलवार के दिन देशद्रोह की शिक़ायत दर्ज़ की गयी| साथ ही, दो दिन पहले ‘ऍम्नेस्टी’ के ‘जेंडर युनिट’ की पूर्व प्रमुख गीता सेहगल ने इल्ज़ाम लगाया था कि यह संस्था जम्मू-कश्मीर के आतंकी संगठनों की हमेशा मदद करती है|

‘ऍम्नेस्टी इंटरनॅशनल इंडिया’इस सारे घटनाक्रम की वजह से ‘ऍम्नेस्टी’ के खिलाफ़ माहौल गरम है| इस संस्था के खिलाफ़ बडी मात्रा में प्रदर्शन हो रहे हैं| इस पृष्ठभूमि पर, ‘ऍम्नेस्टी’ ने भारत के दिल्ली, बैंगलुरू, चेन्नई और पुणे के कार्यालय बंद करने का फ़ैसला किया है| अपने सभी कर्मचारियों और कार्यकर्ताओं को घर से ही काम करने के आदेश इस संस्था दिये हैं|

१३ अगस्त के दिन ‘ऍम्नेस्टी’ ने बैंगलुरू के ‘युनायटेड थियोलॉजिकल कॉलेज’ में ‘ब्रोकन फॅमिलीज् ऑफ कश्मीर’ नाम का एक कार्यक्रम आयोजित किया था| जम्मू-कश्मीर में रक्षा दल के साथ हुईं मुठभेड़ों में मारे गए कुछ आतंकवादियों और अलगाववादियों के परिवारों को बुलाया गया था| इस कार्यक्रम में भारतीय सेना पर आक्षेपार्ह टिपणी होने के बाद, उपस्थित कुछ लोगों ने इसपर ऐतराज़ जताया था| उसके बाद कश्मीर की आज़ादी के नारे लगाये गये थे और भारत के खिलाफ़ भी नारेबाज़ी हुई थी|

सोमवार के दिन, देश के खिलाफ हुई इस नारेबाज़ी का ९० मिनट का वीडियो ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद’ संगठन ने पुलीस को दिया| इसके बाद, इस कार्यक्रम का आयोजन करनेवालों के खिलाफ़ गुनाह दर्ज़ करने के लिए और देश के खिलाफ़ नारें देनेवालों को गिरफ़्तार करने के लिए प्रदर्शन शुरू हो चुके हैं| बैंगलुरू और दिल्ली के ‘ऍम्नेस्टी’ कार्यालय के बाहर तीव्र प्रदर्शन हुए| इसके बाद बैंगलुरू पुलीस ने भारतीय दंड संहिता १४२, १४३, १४७, १२४ (अ) और १५३ (अ) के तहत ‘ऍम्नेस्टी’ के खिलाफ़ शिक़ायत दर्ज की| लेखिका और पत्रकार होनेवालीं तथा ‘ऍम्नेस्टी इंटरनॅशनल जेंडर युनिट’ की पूर्व प्रमुख रह चुकीं गीता सहगल ने भी ‘ऍम्नेस्टी’ पर गंभीर इल्ज़ाम लगाये हैं| ‘ऍम्नेस्टी’ जम्मू-कश्मीर के आतंकवादी गुठ को पहले से ही समर्थन देती आयी है, ऐसा सहगल ने कहा है। सन २०१० में ‘ऍम्नेस्टी’ छोड़ते समय भी गीता सहगल ने इसी प्रकार के गंभीर आरोप किये थे। यह संस्था तालिबान जैसे आतंकी संगठन को समर्थन दे रही है, ऐसा सहगल ने कहा था|

इससे पहले ‘ऍम्नेस्टी’ ने, भारतीय संसद पर आतंकी हमले की साज़िश रचनेवाले अफ़ज़ल गुरू और मुंबई आतंकी हमले में जिंदा पकड़े गये आतंकवादी अजमल कसाब की फ़ाँसी पर विरोध जताया था| इस दौरान ‘ब्रोकन फॅमिलीज ऑफ कश्मीर’ नाम के कार्यक्रम का अगले सप्ताह में दिल्ली में भी आयोजन किया गया था| ‘ऍम्नेस्टी’ ने यह कार्यक्रम रद कर दिया गया है| इस मामले में अब तक किसी को भी गिरफ़्तार नहीं किया गया है| इस संदर्भ में तहकिक़ात जारी है, ऐसा बैंगलुरु पुलीस ने कहा।

‘ऍम्नेस्टी इंटरनॅशनल’ ने अपने खिलाफ़ दर्ज़ किये गये गुनाह के प्रति नाराज़गी जतायी है| साथ ही, इस संस्था द्वारा ‘देश के खिलाफ़ नारेबाज़ी करनेवालों में अपने कर्मचारी शामिल नहीं थे’ ऐसा अपने बचाव में कहा जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.