अमरिका का दबाव और गिरती अर्थव्यवस्था के कारण पाकिस्तानी लष्कर की भारत से चर्चा के लिये गुजारिश

इस्लामाबाद – पाकिस्तान शांतता प्रिय देश है| पाकिस्तान की लष्कर को भी भारत के साथ शांति और चर्चा की अपेक्षा है, यह दावा पाकिस्तान लष्कर के ‘इंटर सर्व्हिस पब्लिक रिलेशन्स’ (आईएसपीआर) के मेजर जनरल असिफ गफूर इन्होंने किया था| आज तक ऐसे ही दावे करके भारत का विश्‍वासघात कर रहे पाकिस्तान के लष्कर को सच में भारत के साथ शांति स्थापित करने है, यह एक वृत्तसंस्था ने दिए समाचार से स्पष्ट हो रहा है| अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इनका दबाव, गिरती अर्थव्यवस्था और केवल चीन पर निर्भर रहना मुमकिन नही है, इसका एहसास पाकिस्तान के लष्कर को हुआ है| इसी लिये पाकिस्तान का लष्कर भारत के साथ चर्चा शुरू करने के लिये कोशिष कर रहा है|

पाकिस्तान का लष्कर कुछ पूर्व अधिकारियों ने और विश्‍लेषकों ने इस वृत्तसंस्था के साथ बातचीत के दौरान यह जानकारी दी| फिल हाल पाकिस्तान पर अमरिका दबाव काफी मात्रा में बढ रहा है| राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इन्होंने कडी आलोचना करने के बाद आतंकविरोधी युद्ध में पाकिस्तान योगदान दे, यह मांग की थी| ट्रम्प इनकी भूमिका में बदलाव हुआ है, फिर भी उन्होंने पाकिस्तान की आर्थिक सहायता शुरू नही की है| इस वजह से पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिये बडी तादाद में चीन पर निर्भर रहने के लिये विवश हो रहा है| ‘शिकारी आर्थिक नीति’ का इस्तेमाल कर रहा चीन अगले समय में कर्ज और निवेश के बलबुते पर पाकिस्तान पर कब्जा करेगा, यह डर पाकिस्तान की लष्कर को?भी सताने लगा है|

फिल हाल पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की स्थिती काफी नाजुक बनी है और समय पर आर्थिक सहायता प्राप्त नही हुई तो कुछ ही हफ्तों में पाकिस्तान दिवालिया होगा| इस परिस्थिति का लाभ लेने के लिये चीन तैयार है, इसका एहसास अब पाकिस्तान को हुआ है|

इस परिस्थिति में पाकिस्तान को बचाने के लिये भारत के साथ चर्चा करना और अमरिका के सामने गिडगिडा कर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कर्जा प्राप्त करने के अलावा पाकिस्तान के सामने अन्य कोई भी विकल्प बचा नही है| इसी लिये आज तक भारत के साथ चर्चा के लिये विरोध करनेवाले पाकिस्तान के लष्कर को भी अब भारत के साथ चर्चा करने की जरूरत का एहसास हुआ है|

पाकिस्तानी लष्कर की नीति अब बदली है, यह ऐलान पाकिस्तानी लष्कर के ‘आईएसपीआर’ मेजर जनरल असिफ गफूर इन्होंने गुरूवार के दिन वार्ता परिषद में किया था| पाकिस्तान का लष्कर इसके पहले की हुई गलतियां सुधारने के लिये तैयार है, यह दावा भी उन्होंने किया था| यह सब संकेत भारत के लिये है, ऐसा पाकिस्तानी विश्‍लेषकों का कहना है| लेकिन भारत के साथ चर्चा करने की तैयारी दिखाने के साथ ही अपनी निर्बलता का प्रदर्शन ना हो, इसका ध्यान भी पाकिस्तान का लष्कर रख रहा है| इसी लिये काशअमीर के नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी लष्कर की करतुतें आज भी शुरू है| साथ ही भारत की आलोचना करने की पाकिस्तानी लष्कर की नीति में भी बदलाव नही हुआ है| लेकिन, इस आलोचना की धार में कमी हुई है और पाकिस्तानी लष्कर जुझारू नही है, इसका यकीन दिलाने के लिये पाकिस्तान के वरिष्ठ लष्करी अधिकारी कडी कोशिष कर रहे है|

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