अमरिका के शिकागो शेयर बाजार को कब्जे में करने की चीन की कोशिश को नाकाम किया गया

वॉशिंग्टन/बीजिंग: अमरिका के ‘सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन’ ने चीनी कंपनी की ‘शिकागो शेयर बाजार पर कब्जा करने की कोशिश को नाकाम किया है। चीनी निवेशकों की तरफ से उचित जानकारी नहीं दी गयी है, यह वजह इस के लिए बताई गयी है। पिछले डेढ़ महीनों में चीनी कंपनी को अमरिका में प्रवेश इन्कार करने की यह दूसरी घटना है।इस के पहले जनवरी में चीनी उद्योजक ‘जॅक मा’ को अमरिकी कंपनी को कब्जे में लेने से रोका गया था।

दो सालों पहले चीन के ‘चोंगकिंग कझिन एंटरप्राइज ग्रुप’ इस कंपनी ने ‘शिकागो स्टॉक एक्सचेंज’ में निवेश करने का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव के तहत चीनी कंपनी ढाई करोड़ डॉलर्स का निवेश करने वाली थी। चीनी कंपनी के इस प्रस्ताव को अमरिका के ‘कमिटी ऑन फॉरेन इन्वेस्टमेंट इन द यूनाइटेड स्टेट्स’ (सीएफआययुएस) ने मान्यता दी थी। पिछले वर्ष ‘सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन’ की प्राथमिक बैठक में भी यह प्रस्ताव आगे ले जाने के लिए मंजूरी दी गई थी।

लेकिन इस बारे में घोषणा के बाद कुछ ही घंटों में मंजूरी के निर्णय को स्थगित करने की घोषणा की गयी थी। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने चुनाव के प्रचार के दौरान इस सौदे के खिलाफ आवाज उठाई थी। ‘सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन’ की प्राथमिक मंजूरी के बाद ट्रम्प ने नाराजगी जतायी थी। उसी दौरान अमरिका के के कुछ संसद सदस्यों ने भी आक्रामक शब्दों में इस निर्णय पर टीका की थी। इस वजह से ‘सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन’ ने इस सौदे पर पुनर्विचार करने की घोषणा की थी।

उस के बाढ़ छह महीनों के बाद अमरिकी यंत्रणा ने अपना निर्णय घोषित किया है और चीनी कंपनी को शिकागो शेयर बाजार में निवेश करने के लिए स्पष्ट इन्कार किया है। चीन की कंपनी ने पर्याप्त जानकारी नहीं दी है और उस वजह से कब्जे की बाद अमरिकी यंत्रणाओं को शेयर बाजार पर नियंत्रण रखना मुश्किल होगा, यह वजह इस में बताई गयी है। उसी दौरान, यह व्यवहार पूरा हुआ तो चीन को अमरिका के वित्तीय बाजार की अंतर्गत जानकारी मिल सकती है और यह बात खतरनाक है, ऐसा दावा भी किया गया है।

अमरिका के संसद सदस्य रॉबट पिंटेगर ने ‘सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन’ के इस फैसले का स्वागत किया है। ‘यह दीर्घकालिक लड़ाई थी। चीनी कंपनियों ने शिकागो शेयर बाजार का निवेश यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है, यह पहचानने वाले राष्ट्राध्यक्ष देश को मिले हैं, यह भाग्य’, इन शब्दों में उन्होंने नए फैसले का स्वागत किया है।

पिछले वर्ष अमरिका का रक्षा विभाग ‘पेंटागन’  और वरिष्ठ गुप्तचर अधिकारियों ने चीन के साथ के व्यवहारों में उचित सावधानी बरतने का इशारा दिया था। ‘पेंटागन’ ने चीनी निवेश के मुद्दे पर एक संवेदनशील रिपोर्ट भी पेश की थी।

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