अफ़गानिस्तान में अल-कायदा का अस्तित्व होने तक अमरीका अपनी सेना ना हटाएँ

वॉशिंग्टन – अफ़गानिस्तान में अल-कायदा का अस्तित्व होने तक अमरीका अपनी सेना की वापसी ना करें, ऐसी चेतावनी अमरिकी सेंट्रल कमांड़ के उच्चस्तरीय जनरल केन्थ मैकेंझी ने दी है। वॉशिंग्टन में स्थित एक थिंक टैंक ने आयोजित की हुई वीडियो कान्फरन्सिंग मे वे बात कर रहे थे।

Marine-Gen-Frank-McKenzieसंयुक्त राष्ट्रसंघ ने कुछ दिन पहले ही अफ़गानिस्तान के संघर्ष पर एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें अफ़गानिस्तान में अल-कायदा के ६०० आतंकी सक्रिय होने की बात दर्ज़ की थी। साथ ही, तालिबान ‘अल-कायदा’ की सहायता कर रहा है, यह बात भी इस रिपोर्ट में स्पष्ट की गई थी। इस पृष्ठभूमि पर जनरल मैकेंझी ने यह सलाह दी है। २९ फरवरी के दिन अमरीका और तालिबान के बीच शांति समझौता हुआ था। इस समझौते के अनुसार, अमरीका ने अफ़गानिस्तान से सेना की वापसी करने की तैयारी दिखाई थी। लेकिन, इस समझौते के बाद भी अफ़गानिस्तान में जारी हमलें तालिबान ने बंद नहीं किए हैं। ऐसें में अफ़गानिस्तान मे तैनात सेना हटाने पर पुनर्विचार करने के संकेत अमरीका ने दिए हैं।

अमरीका को ‘अल-कायदा’ से बड़ा ख़तरा बना है। इस वज़ह से अफ़गानिस्तान में अल-कायदा का अस्तित्व होने तक अमरीका वहाँ से अपनी सेना ना हटाएँ, ऐसी चेतावनी जनरल मैकेग्नझी ने दी है। जब तक अफ़गानिस्तान में सक्रिय होनेवाले आतंकी संगठन वहाँ की भूमि का इस्तेमाल अमरीका के विरोध में करते हैं, तब तक अफ़गानिस्तान में सेना की तैनाती बरकरार रहेगी, यह नीति अमरीका ने अपनाई है, इसकी याद भी जनरल मैकेग्नझी ने इस दौरान दिलाई।

राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने हालाँकि अमरिकी सेना की वापसी का ऐलान किया था, लेकिन चाहे जो भी हो, अफ़गानिस्तान में तैनात पूरी सेना अमरीका नहीं हटाएगी, यह बात सामरिक विश्‍लेषक पहले से ही कहते रहे हैं। ज़्यादा से ज़्यादा, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प अफ़गानिस्तान में तैनात सैनिकों की संख्या में कटौती कर सकते हैं। इसके ज़रिये वहाँ की लष्करी मुहिमों पर हो रहे खर्च में कटौती कर सकेंगे। लेकिन, इसके आगे जाकर, रणनीतिक नज़रिये से काफी अहम होनेवाले अफ़गानिस्तान में तैनात सेना हटाना अमरीका के लिए लाभदायी नही होगा, यह बात सामरिक विश्‍लेषक रख रहे हैं।

उसी में, तालिबान ने आतंकी हमलों का सिलसिला जारी रखकर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प को, अफ़गानिस्तान में तैनात अमरिकी सेना हटाने के निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए मज़बूर किया है, ऐसें दावे अब सामने आ रहे हैं। इस वज़ह से अफ़गानिस्तान से अमरिकी सेना की वापसी इतने में नज़र में ना होने की बात कही जा रही है।

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