अमरीका के जेष्ठ कूटनीतिज्ञ हेनरी किसिंजर चीन के पक्ष में काम कर रहे हैं – अमरीका के पूर्व राजनीतिक अफसर का आरोप

us-henri-kissinger-chinaवॉशिंग्टन – अमरीका के जेष्ठ कुटनीतिज्ञ हेनरी किसिंजर लगातार अमरीका और चीन को अपने विवाद का हल समझदारी से निकालने की भूमिका बड़े आग्रह से अपना रहे हैं। ऐसा ना होने पर अमरीका और चीन के बीच तनाव बढ़ेगा और विश्‍वयुद्ध के पहले जैसी स्थिति निर्माण होगी, ऐसा इशारा किसिंजर ने दिया था। लेकिन, किसिंजर के हृदय में चीन के प्रति खास भावना होने की टिप्पणी करके अमरीका के पूर्वी राजनीतिक अधिकारी विल्यम स्टैटन ने उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। भारत, हाँगकाँग, झिंजियांग, तिब्बत और साउथ चायना सी से संबंधित चीन की गैरज़िम्मेदाराना नीति को किसिंजर नज़रअंदाज कर रहे हैं। साथ ही मानव अधिकारों का चीन कर रहे उल्लंघन पर सोचने के लिए भी किसिंजर तैयार नहीं हैं क्योंकि, वे चीन के पक्ष में काम कर रहे हैं, ऐसा आरोप स्टैटन ने लगाया।

सोवियत रशिया के खिलाफ शीतयुद्ध के दौर में किसिंजर ने चीन को अमरीका के पक्ष में मोड़ा था। यह उनकी विदेश नीति की बड़ी कामयाबी समझी जाती है। लेकिन, मौजूदा दौर में इस कामयाबी की अहमियत नहीं रही क्योंकि, चीन फिर से रशिया के साथ सहयोग बढ़ा रहा है, इस ओर विल्यम स्टैटन ने ध्यान आकर्षित किया। साथ ही किसिंजर हमेशा से ही चीन के लिए अनुकूल भूमिका अपनाते रहे हैं और चीन उनके लिए बड़ी आत्मियता का विषय बना है, ऐसा कहकर स्टैटन ने कुछ वर्ष पहले किसिंजर ने चीन में किए व्याख्यान का दाखिला दिया। इस व्याख्यान के बाद एक संशोधक ने किसिंजर चीन के लिए बड़े उपयुक्त होने की बात कही थी, यह याद भी स्टैटन ने अपने लेख में ताज़ा की है।

us-henri-kissinger-chinaइसके साथ ही किसिंजर अब तक ५० बार चीन जा चुके हैं। संभव है कि, किसिंजर ने १०० बार चीन की यात्रा की हो, यह दावा स्टैटन ने किया है। इसी वजह से चीन द्वारा मानव अधिकारों के उल्लंघन की ओर किसिंजर अनदेखा कर रहे हैं। तिआनमेन स्क्वेअर में नरसंहार करनेवाले चीन को लेकर किसिंजर की उमड़ रही ममता आश्‍चर्य का विषय है, ऐसी टिप्पणी स्टैटन ने की है।

साथ ही अमरीका और यूरोपिय देशों के बीच बनी समस्याओं के लिए चीन ज़िम्मेदार नहीं है, यह देश स्वयं ही अपनी समस्याओं का हल निकाले, ऐसा कह रहे किसिंजर के इन दावों पर विल्यम स्टैटन ने बड़ी आपत्ति जताई है।

चीन अवैध तरीके से व्यापार करके अमरीका और यूरोपिय देशों को बड़ा नुकसान पहुँचा रहा है। बुद्धिसंपदा कानून का बेझिझक उल्लंघन कर रहा है, इस ओर ध्यान आकर्षित करके इसे भी अमरीका और यूरोपिय देशों की अंदरुनि समस्या समझना चाहिए क्या, ऐसी फटकार स्टैटन ने लगाई है।

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