भारत ने किए आवाहन के अनुसार अमरीका ने कोरोना के टीके को ‘टीआरआयपीएस’ से हटाया

वॉशिंग्टन – कोरोना की महामारी यह जागतिक स्तर का संकट है। इस चुनौती का मुकाबला करते समय, अमरीका कोरोना प्रतिबंधक टीके को अपने बुद्धिसंपदा कानून के दायरे से हटाएँ और उसका तंत्रज्ञान खुला करें, ऐसी माँग भारत ने की थी। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कुछ दिन पहले ही अमरीका को यह आवाहन किया था। शुरू शुरू में इस माँग को नकारनेवाली अमरीका ने अब यह माँग मान्य की है। इसका स्वागत हो रहा होकर, इससे कोरोना के टीके का निर्माण अधिक ही गतिमान होगा, ऐसा विश्वास ज़ाहिर किया जा रहा है।

india-us-vaccine-trips‘ट्रेड-रिलेटेड आस्पेक्टस् ऑफ इंटेलेक्च्युअल प्रॉपर्टी राईट्स-टीआरआयपीएस’ इस बुद्धिसंपदा कानून के अनुसार, कोरोना के टीके के तंत्रज्ञान का इस्तेमाल अन्य देश नहीं कर सकते। अमरीका अपने फार्मा क्षेत्र की कंपनियों के हितसंबंधों को मद्देनज़र रखकर, कोरोना के टीके को ‘टीआरआयपीएस’ से ना हटाएँ, ऐसी माँग अमरिकी उद्योग क्षेत्र द्वारा की जा रही थी। उसी समय, कोरोना की महामारी यह मानवीय आपत्ति है और ऐसे दौर में ‘टीआरआयपीएस’ की शर्त थोपकर कोरोनाविरोधी जंग को प्रभावित करना ठीक नहीं होगा, इस पर अमरीका के लोकप्रतिनिधियों ने गौर फरमाया। इस संदर्भ में भारत और दक्षिण अफ्रीका कर रही माँग को अमरीका को प्रतिसाद देना ही होगा, ऐसा अमरिकी संसद के १०८ सदस्यों ने कहा था।

इसका दबाव अमरीका पर आया होकर, राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने कोरोना प्रतिबंधक टीके के तंत्रज्ञान को टीआरआयपीएस’ से हटाने की माँग मान्य की। अमरिकी संसद के सदस्यों ने इसका स्वागत किया है। फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमॅन्युअल मॅक्रोन ने भी अमरीका के फैसले की प्रशंसा की। इससे कोरोना का टीका विकसित न कर सकनेवाले अफ्रीका के गरीब देशों को बहुत बड़ा फायदा मिलेगा, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष मॅक्रॉन ने कहा है। इसी बीच, भारत में कोरोना का फैलाव भयावह रूप में बढ़ रहा है, ऐसे में अमरीका इस महामारी को रोकने के लिए भारत को आवश्यक सहयोग शीघ्रतापूर्वक दे दें, ऐसा आवाहन अमरीका के सिनेटर्स मार्क वॉर्नर, जॉन कॉर्निन और रॉन पोर्टमन ने किया है।

अमरिकी प्रशासन ने इस दिशा में कदम उठाए होकर, अमरीका के रक्षा मंत्री लॉईड ऑस्टिन ने भारत को सप्लाई की हुई सामग्री की जानकारी भी सार्वजनिक की। अब तक अमरीका ने भारत को दस लाख रॅपिड डायग्नॉस्टिक टेस्ट, ५४५ ऑक्सिजन कॉंन्सट्रेटर्स, १६ लाख से अधिक एन९५ मास्क, ४५७ ऑक्सिजन सिलेंडर्स, ४४० रेग्युलेटर्स, २२० पल्स ऑक्सिमिटर्स और दूसरी जगह आसानी से स्थानांतरित की जा सकने वाली ऑक्सिजन कॉंन्सट्रेशन सिस्टीम इनकी सप्लाई की है। इसका विवरण अमरीका के रक्षा मंत्री ने दिया।

इसी बीच, अमरीका के विदेश मंत्री ब्लिंकन ने, ब्रिटन में चल रही जी७ परिषद के दौरान भारत के विदेश मंत्री के साथ हुई चर्चा में, जब कोरोना की पहली लहर आई थी तब भारत ने की सहायता की याद दिलाकर, अब अमरीका भारत के साथ दृढ़तापूर्वक खड़ी रहेगी, ऐसा यकीन दिलाया। अन्य देशों द्वारा वर्तमान दौर में भारत को की जानेवाली अत्यावश्यक सामग्री की सप्लाई यानी सहायता नहीं है, यह भारत के विदेश मंत्री ने डटकर कहा है। बल्कि इस जागतिक महामारी के विरोध में चल रही लड़ाई में मित्र देशों द्वारा किया जा रहा यह सहयोग है, ऐसा विदेश मंत्री जयशंकर ने स्पष्ट किया।

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