वायुसेना आकस्मिक संकट को जवाब देने के लिए सज्ज – वायुसेना प्रमुख धनोआ की गवाही

हिंडोन – देश की वायुसेना किसी भी आकस्मिक संकट का सामना करने के लिए तैयार होने की गवाही वायुसेना प्रमुख बी.एस.धनोआ ने दी है। वायुसेना के ८६वें स्थापना दिन के निमित्त आयोजित किए गए कार्यक्रम में वायुसेना प्रमुख बोल रहे थे। रफाएल लड़ाकू विमान एवं एस-४००इस हवाई सुरक्षा यंत्रणा के समावेश की वजह से भारतीय वायुसेना की क्षमता अधिक बढ़ेगी, ऐसा वायु सेना प्रमुख ने उस समय स्पष्ट किया है। विमानों को होनेवाली दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करके वायुसेना प्रमुख ने यह दुर्घटना टालने के लिए कदम उठाने की बात उस समय कही है।

फ्रान्स से खरीदारी किए जानेवाले रफाएल लड़ाकू विमान और रशिया से एस-४००यह हवाई सुरक्षा यंत्रणा देश के रक्षासिद्धता में बहुत बड़ी बढ़ोतरी करेगा तथा अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर एवं भारी परिवहन करने वाले चिनूक हेलीकॉप्टर इनके शामिल होने की वजह से वायुसेना की क्षमता अधिक बढ़ने वाली है, ऐसा दावा वायुसेना प्रमुख धनोआ ने किया है। साथ ही देशी बनावट के तेजस लड़ाकू विमान एवं अचूक हमला करनेवाले मिसाइल यह भी वायुसेना के आधुनिकीकरण का महत्वपूर्ण भाग होने की बात वायुसेना प्रमुख ने कही है।

वायुसेना किसी भी आकस्मिक संकट का सामना करने के लिए तैयार होकर, वायुसेना की युद्ध सज्जता समय के साथ अधिक से अधिक बढ़ रही है। दोनों अग्रणीयों पर एक ही समय पर युद्ध खेलने के लिए आवश्यक क्षमता प्राप्त करने के लिए वायुसेना प्रगति कर रहा है, ऐसी गवाही भी उस समय वायुसेना प्रमुख ने दी है।

दौरान वायुसेना के विमान को होनेवाली दुर्घटनाओं पर वायुसेना प्रमुख ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। शांति के समय में होनेवाला यह नुकसान युद्ध के समय में महंगा हो सकता है। इसका रक्षा सिद्धता पर विपरीत परिणाम हो सकता है, ऐसा वायुसेना प्रमुख ने उस समय सूचित किया है। इसीलिए इंसानी गलतियों से होनेवाली दुर्घटना टालने के लिए वायुसेना प्रमुख वैमानिको को अधिक प्रशिक्षण दे रहे हैं, ऐसी जानकारी वायुसेना प्रमुख ने उस समय दी है।

वायुसेना ने केरल के बाढ़ में किए बचाव कार्य के लिए २३विमान और २५हेलीकॉप्टर्स प्रदान किए थे। तमिलनाडु,जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश एवं दिल्ली में भड़के हुए आग बुझाने के लिए वायु सेना ने सहायता की थी,इसकी तरफ वायु सेना प्रमुख में ध्यान केंद्रित किया है। म्यानमार में मानवीय सहायता प्रदान करने के साथ इंडोनेशिया में भड़के हुए आग को बुझाने के लिए भारत के वायुसेना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

कैलाश मानसरोवर और अमरनाथ यात्रा में फंसे हुए यात्रियों को स्वस्थ रूप से वापसलाने की जिम्मेदारी वायुसेना ने संपन्न की थी, ऐसा कहकर वायुसेना ने किया बचाव कार्य की जानकारी उस समय वायुसेना प्रमुख धनोआ ने दी है।

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