सीरिया में ईरान के लष्करी ठिकानों पर हुए हवाई हमलें

दमास्कस – सीरिया की राजधानी दमास्कस के करीबी इलाकों में हुए हवाई हमलों में ईरान से जुड़े गुट के पांच आतंकी ढ़ेर हुए हैं और ग्यारह लोग घायल हुए। ईरान के कब्ज़े में होनेवाले लष्करी ठिकानों को लक्ष्य करने के उद्देश्‍य से यह हमलें किए गए थे, ऐसी जानकारी ब्रिटेन स्थित मानव अधिकार संगठन ने प्रदान की है। कुछ दिन पहले ही ईरान ने सीरिया की हवाई सुरक्षा यंत्रणा मज़बूत करने का ऐलान किया था। इस पृष्ठभूमि पर, सीरिया में ईरान के ठिकानों पर हुए इन हमलों की ओर देखा जा रहा है और इन हमलों के लिए इस्रायल ज़िम्मेदार होने का आरोप सीरियन माध्यमों ने किया है।

हवाई हमलें

सोमवार देर रात दमास्कस के दक्षिणी ओर स्थित ईरान के लष्करी अड्डों पर ये हमलें किए गए। ईरान के ‘रिव्होल्युशनरी गार्डस्‌’ के कब्ज़े में होनेवाले किशवाह, जबल अल-माने, मुकायलाबिया और झाकिया इन शहरों में, दो चरणों में ये हमलें होने की जानकारी सीरिया की सरकारी समाचार चैनल ने जारी की। इन शहरों में स्थित हथियारों के भंड़ारों को लक्ष्य किया गया है। इस दौरान हुए बड़े धमाकों में ईरान से संबधित गुट के पाँच आतंकी मारे गए और ग्यारह लोग घायल हुए। इनमें सात सीरियन सैनिकों का भी समावेश है। इस्रायल के गोलान क्षेत्र से लड़ाकू विमानों ने ये हमलें किए हैं, ऐसा आरोप सीरियन माध्यमों ने किया है।

हवाई हमलें

दस दिन पहले ईरान के लष्करी अधिकारियों ने, सीरिया की यात्रा करके लष्करी समझौता किया था। इस समझौते के तहत ईरान ने सीरिया की हवाई सुरक्षा यंत्रणा सुसज्जित करने की तैयारी दिखाई है। सीरिया के लष्करी ठिकानों पर इस्रायल के हो रहें हवाई हमलों को प्रत्युत्तर देने के लिए, ईरान सीरिया की हवाई सुरक्षा यंत्रणा मज़बूत करने में जुटा होने की बात कही जा रही थी। लेकिन, सीरिया में स्थित अपने ही लष्करी ठिकानों की सुरक्षा के लिए ईरान हवाई सुरक्षा यंत्रणा का निर्माण कर रहा हैं, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। इसी के लिए ईरान ने सीरिया में मिसाइलों का ज़खीरा उतारा होने की ख़बरें सामने आयी थीं। लेकिन, इससे पहले ही सीरिया में ईरान के लष्करी ठिकानों पर हमलें हुए हैं और इन हमलों के लिए इस्रायल ज़िम्मेदार होने के आरोप सीरिया के सरकारी माध्यम कर रहे हैं।

सीरिया में हुए हवाई हमलों के लिए इस्रायल ही ज़िम्मेदार होने के आरोप सीरियन माध्यमों ने पहले भी किए थे। लेकिन, किसी भी देश के माध्यमों ने रखें आरोपों पर ज़वाब ना देने की भूमिका इस्रायली सेना ने अपनाई हैं।

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