‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ की वजह से आर्थिक क्षेत्र के रोजगार के लिए बना है खतरा – तकनीक एवं वित्तीय क्षेत्र के विशेषज्ञों का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन: ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्सतकनीक के इस्तेमाल से वित्त क्षेत्र की कई नोकरियां और रोजगार का अवसर खतम होने की शुरूआत हुई है और यह कल आगे कायम रहेगा, यह दावा तकनीक एवं वित्त क्षेत्र के विशेषज्ञों ने किया है| अमरिका के संसदीय समिती के सामने हुई सुनवाई में यह दावा किया गया है और वित्त, विमा और पूँजी बाजार क्षेत्र के लगभग ६१ लाख से भी अधिक नोकरियों खतरें में है, यह इशारा प्राध्यापक मार्कोस प्राडोने दिया है| निवेश क्षेत्र के ४० प्रतिशत से भी अधिक व्यावसायिकों को आर्टिफिशल इंटेलिजन्सचुनौती साबित होगी, यह डर रिबेका फेन्डरने व्यक्त किया है|

पिछले कुछ वर्षों में आर्टिफिशल इंटेलिजन्सऔररोबोटिक्सका इस्तेमाल काफी तेजी से बढ रहा है और औद्योगिक नजरिए से प्रगत समझे जा रहे युरोपिय देशों के साथ अमरिका, जापान, दक्षिण कोरिया जैसे देशों में यह मुद्दा सामने आया है| इन देशों में कार्यान्वित होनेवाली प्रमुख बहुराष्ट्रीय कंपनियां वं बैंकों ने आर्टिफिशल इंटेलिजन्सका इस्तेमाल करने की प्रक्रिया तेज करने की बात सामने आयी है| अंतरराष्ट्रीय स्तर के शीर्ष व्यावसायिक एवं मुत्सद्दी भी इस तकनीक के बढते इस्तेमाल का संज्ञान लेकर इसके संभावित परिणामों का एहसास करा रहे है|

अलग अलग देशों ने राष्ट्रीय स्तर पर आर्टिफिशल इंटेलिजन्सका इस्तेमाल, इस तकनीक का कल, संभावित प्रगति का अंदाजा लेना शुरू किया है| अमरिका की संसद के सामने हुई सुनवाई भी इसी का हिस्सा समझा जा रहा है| अमरिकी संसद की हाउस कमिटी ऑन फायनान्शिअल सर्व्हिसेसके सामने हुई सुनवाई में प्रमुखता से पूँजी बाजार पर आर्टिफिशल इंटेलिजन्सतकनीक के हो रहे असर की जानकारी प्रदान की गई है|

इस दौरान मशिन लर्निंगक्षेत्र का हिस्सा बनी कंपनी के भूतपूर्व प्रमुख और कॉर्नेल युनिव्हर्सिटीके प्राध्यापक मार्कोस प्राडो ने आर्टिफिशल इंटेलिजन्सतकनीक का इस्तेमाल पूँजी बाजार पर होना पहले ही शुरू होने की बात पर ध्यान आकर्षित किया| पूँजी बाजार के एक्झिक्युशन ट्रेडर्सवर्ग की हजारों नोकरियां पहले ही इस तकनीक ने छिनी है, यह दावा भी प्राडो ने किया| साथ ही पूँजी बाजार में मुल्य और खतरा तयर करनेवाले और निवेष का पोर्टफोलिओतैयार करनेवाले व्यावसायिकों का रोजगार भी आर्टिफिशल इंटेलिजन्सतकनीक के कब्जे में जाने की बात प्राध्यापक प्राडो ने स्पष्ट की|

आर्टिफिशल इंटेलिजन्सऔर इसके तहेत आनेवाली मशिन लर्निंगतकनीक की वजह से वित्त क्षेत्र की ६१ लाख से भी अधिक कर्मचारियों के सामने रोजगार बचाने की चुनौती है, यह चेतावनी भी कॉर्नेल युनिव्हर्सिटीके प्राध्यापक ने दिया| निवेष, पूँजी और वित्त क्षेत्र के व्यावसायिकों की संगठन होनेवाली सीएफए इन्स्टिट्यूटकी संचालिका रिबेका फेन्डर ने भी आर्टिफिशल इंटेलिजन्सकी वजह से रोजगार को खतरा बना है, यह बात स्वीकार की है|

इसी मुद्दे पर हाल ही में एक सर्व्हेकिया गया और इसमें करीबन चार हजार व्यावसायिकों ने अपना मत दर्ज किया था| इनमें से ४३ प्रतिशत व्यावसायिकों को अगले पांच से दस वर्षों में अपना रोजगार बदलना होगा, यह डर सता रहा है, इन शब्दों में फेन्डर ने रोजगार के संभावित अवसर कम होने की ओर ध्यान आकिर्षत किया| इस तरह से रोजगार का अवसर कम होने के दायरे में सेल्स एजंटस्, ट्रेडर्स और परफॉर्मन्स एनालिस्ट स्तर के रोजगार शामिल होंगे, यह एहसास भी सीएफए इन्स्टिट्यूटकी संचालिका ने कराया|

आर्टिफिशल इंटेलिजन्सजैसी तकनीक पर जोर दे रही प्रमुख बैंकों ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी हजारों शाखा बंद करी है और लाखों कर्मचारियों को कम किया है| इस वर्ष के शुरू मे ही, ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्सयानी कृत्रिम बुद्धिमत्ताक्षेत्र की प्रगति और इसके बढते प्रभाव से ब्रिटेन में ९० लाख लोगों की नोकरियां जाने का खतरा है, यह चेतावनी सरकारी रपट में दी गई थी| भविष्य में भी यह कल बरकरार रहेगा, यह संकेत अमरिकी संसदीय समिती के सामने हुई सुनवाई से प्राप्त हो रहे है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.