कृषि उत्पादों को ‘आवश्‍यक वस्तु अधिनियम’ के दायरे से बाहर किया गया – केंद्रीय मंत्रिमंडल का बड़ा निर्णय

नई दिल्ली – कृषि उत्पादों को आवश्‍यक वस्तुओं से संबंधिक कानून के दायरे से बाहर करने के निर्णय पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मुहर लगाई गई। इस निर्णय की वज़ह से एपीएमसी कानून से किसान को राहत प्राप्त होगी और किसान अपने कृषी उत्पादों का भंडारण कर सकेंगे और जब चाहे तब, जहाँ अधिक मुनाफ़ा प्राप्त होगा वहाँ पर इसकी बिक्री कर सकेंगे। इसकी वज़ह से किसान अधिक लाभ प्राप्त कर सकेंगे, उनकी आय में बढ़ोतरी होगी और देश के कृषि क्षेत्र में निवेश की मात्रा बढ़ेगी, यह विश्‍वास सरकार ने व्यक्त किया है। यह निर्णय यानी ‘वन नेशन वन मार्केट’ की दिशा में बढ़ाया अहम कदम होने का बयान केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने किया है।

Agricultureपिछले तीन दिनों में केंद्रीय मंत्रिमंडल की दूसरी बैठक बुधवार के दिन हुई। सरकार ने इससे पहले घोषित किए २० लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज और इससे संबंधित अन्य अहम निर्णय इस बैठक में किए गए। इसमें कालबाह्य हुए ‘आवश्‍यक वस्तु कानून’ के सुधार पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगाने का निर्णय सबसे अहम साबित होता है। धान, तेल के बीज, दाल, प्याज, आलू जैसें कृषि उत्पाद, ‘आवश्‍यक वस्तु अधिनियम’ कानून के दायरे से बाहर किए गए हैं। अबतक इन कृषि उत्पादों का भंडारण करने पर मर्यादा लगाई गई थी। आवश्‍यक वस्तु अधिनियम में शामिल सामान की क़ीमत, आपूर्ति एवं वितरण पर सरकार का नियंत्रण था। लेकिन, इस कानून में सुधार होने के कारण, इस बंधन से अब किसान मुक्त होंगे। इससे किसानों को अब अपने अधिक से अधिक उत्पाद का भंडारण करना संभव होगा और अधिक मुनाफा होनेवाली जगह पर इसकी बिक्री करना भी मुमकिन होगा। किसानों के उत्पादों को अच्छा दर प्राप्त होने के लिए उन्हें अधिक से अधिक विकल्प उपलब्ध हों, इस दृष्टि से यह निर्णय किया गया है, ऐसा केंद्रीय मंत्री जावडेकर ने कहा।

देश में कृषि उत्पादों की कमी ना होने के कारण, कृषि उत्पादों का भंडारण एवं बिक्री पर बंधन लगानेवाले कानून की आवश्‍यकता नहीं है। आवश्‍यक वस्तु अधिनियम से धान, तेल के बीज, दाल को बाहर करने की माँग किसान काफ़ी वर्षों से कर रहे थे। इस कानून ने इस क्षेत्र में निवेश भी रोक रखा था, यह बात प्रकाश जावडेकर ने कही है। लेकिन, अब कंपनियों को सीधे किसानों से उत्पादों की खरीद करना संभव होगा। विशेष बात यह होगी कि इस व्यवहार पर कर लगाया नहीं जाएगा, यह जानकारी भी जावडेकर ने साझा की। आपस में हुए ठेंठ समझौते के अंतर्गत कृषि उत्पादों की बिक्री करने के और ‘वन नेशन वन मार्केट’ की दिशा में आगे बढ़ने का निर्णय मंत्रिमंडल ने किया है और इसके लिए जल्द ही एक विशेष कानून लाया जाएगा, यह भी जावडेकर ने कहा।

इसी बीच, देश में निवेश करने के लिए अच्छा माहौल तैयार करने के लिए लिए हर एक मंत्रालय में एक प्रकल्प विकास कक्ष स्थापित करने का निर्णय भी मंत्रिमंडल ने किया है। साथ ही, आयुष मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय औषधि और होमिओपैथी के लिए फार्मोकॉपिया कमिशन गठित करने का निर्णय भी किया गया है।

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