आक्रामक मॉन्टेनिग्रो के वजह से तिसरा महायुद्ध भडकेगा – अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प

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वॉशिंग्टन – ‘‘‘आक्रामक मॉन्टेनिग्रो’ तिसरा महायुद्ध सुलगा सकता है’’, ऐसा दावा करते हुए अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने इस छोटे से यूरोपीय देश को प्रसिद्धी दी है| पिछले साल नाटो का सदस्य देश बने हुए मॉन्टेनिग्रो के रक्षा के लिए मेरा बेटा वहॉं जाके क्यों लडे? ऐसा सवाल एक वृत्तवाहिनी के मुलाकातकार ने राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प से पूछा था| इसपर बयान देते हुए ट्रम्प ने यह दावा किया| इसपर मॉन्टेनिग्रो से जवाब आया है| हमारा देश तिसरा महायुद्ध छेडने जितना बडा नही है, ऐसे इस देश के विदेश मंत्री ने कहा है|

‘नाटो’ के नियमों के अनुसार इस संगठन का सदस्य रहे किसी भी देश पर आक्रमण हुआ तो वह नाटो के सारे सदस्य देशों पर आक्रमण माना जाता है| नाटो के सारे सदस्य देश इस युद्ध में सहभागी होते है| यह संगठन अपना विस्तार कर रही है और रशिया के प्रभाव क्षेत्र में रहे देशों को अपना सदस्य बनाने के लिए नाटो की कोशिश शुरु है| पिछले साल बाल्कन देश मॉन्टेनिग्रो भी नाटो का सदस्य बना था| सिर्फ साढेछह लाख इतनी जनसंख्या वाले मॉन्टेनिग्रो जैसा बाल्कन क्षेत्र का छोटा देश नाटो का सदस्य बने, यह बात रशिया को मंजूर नही| इस लिए रशिया ने इसे कडा विरोध दर्शाया था|

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इस पृष्ठभूमीपर, एक चैनल पर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की मुलाकात लेनेवाले संवाददाता ने उनको मॉन्टेनिग्रो के बारे में सवाल किया| मेरा बेटा छह लाख आबादी वाले मॉन्टेनिग्रो की रक्षा के लिए वहॉं जाके क्यों लडे? ऐसा सवाल संवाददाता ने ट्रम्प को पूछा| उसपर बोलते हुए ट्रम्प ने कहा कि, यह आक्रामक देश है और इस से तिसरा महायुद्ध भडक सकता है, ऐसा दावा किया| नाटो का सदस्य बनने के बाद, रशिया या फिर अन्य कौनसे भी देश के साथ मॉन्टेनिग्रो का संघर्ष, यह नाटो का और साथ ही अमरिका का संघर्ष बनेगा इसके ओर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ध्यान खींचा| एक बार अमरिका इस युद्ध में शामिल हुई तो उस से तिसरा महायुद्ध भडक सकता है, ऐसा ट्रम्प ने कहा|

इसी बीच, मॉन्टेनिग्रो के विदेश मंत्री ने हमारा देश तिसरा महायुद्ध शुरु करने इतना बडा नही, ऐसा कहा है| साथ ही मॉन्टेनिग्रो की जनता युद्धखोर नही और शांतीप्रिय है, ऐसा दावा किया है| पर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने किया यह बयान सिर्फ मॉन्टेनिग्रो तक सीमित नही है| उन्होंने सिर्फ नमुना बताने के लिए इस देश का दाखिला दिया, ऐसा दिखाई पडता है| लेकिन इस से ट्रम्प की नाटो के तरफ रही नीति दुनिया के सामने आयी है|

पिछले कई महीनों से राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ‘नाटो’ के सदस्य देशों के बारे में आक्रामक भूमिका स्वीकारना शुरु किया है| नाटो के खर्च का बोजा बडी मात्रा से अमरिका द्वारा उठाया जाता है| नाटो के कई सदस्य देश क्षमता होने के बाद भी रक्षा के लिए अधिक निधी देने के लिए तैय्यार नही| इस पर ट्रम्प ने तीव्र नाराजगी जतायी थी| हाल ही में हुए नाटो के बैठक में अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष इस मसले पर नाटो के सदस्य देशों ने चेतावनी दी थी| इसके बाद जर्मनी जैसे देश ने रक्षा के लिए अब अमरिका पर निर्भर नही रह सकते, ऐसी प्रतिक्रिया दी थी|

नाटो के सदस्य देश अब आगे अमरिका को साथ में न लेते हुए अपने रक्षा के लिए खर्चा का बोजा उठाए; यह अपेक्षा ज्यादा नही है| ऐसा अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष का कहना है| लेकिन नाटो के सदस्य देशों को उनकी यह भूमिका मंजूर नही है| इसलिए आनेवाले समय में नाटो के सदस्य देश अगर खुद का रक्षा का बोज नही उठा सकते तो अमरिका उसकी जिम्मेदारी नही लेगा, ऐसा संदेशा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प उनकी फटकारवाली अंदाज में दे रहे है| इसके लिए अमरिकी जनमत तैय्यार करने की तैय्यारी भी ट्रम्प ने की है, ऐसा इस मुलाकात से नजर आ रहा है| पर ट्रम्प के बयानों पर अमरिका के कई राजनीतिज्ञों द्वारा आलोचना शुरु हुई है| इस रुप के बयानबाजी से राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन को गिफ्ट’ दे रहे है, ऐसा ठप्पा कई राजनीतिज्ञों द्वारा रखा गया है|

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