चिनी सामान का बहिष्कार करने के बाद दिवाली के दौरान हुआ ७२ हज़ार करोड़ रुपयों से अधिक कारोबार

नई दिल्ली – चिनी सामान पर बहिष्कार करने के बाद भी भारतीय व्यापारियों ने दिवाली बड़े जोश के साथ मनाई है। इस वर्ष दिवाली के दौरान भारतीय बाज़ार में चिनी सामान की बिक्री नहीं हुई। इसके बावजूद ७२ हज़ार करोड़ रुपयों (९.७ अरब डॉलर्स) से अधिक कारोबार होने का दावा भारतीय व्यापारियों की ‘कॉन्फेडेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स’ (कैट) संगठना ने किया है। इस वर्ष के दिवाली में बीते वर्ष की तुलना में १० प्रतिशत अधिक बिक्री होने की जानकारी ‘कैट’ ने साझा की है। साथ ही चिनी सामान पर बहिष्कार करने से दिवाली के दौरान चीन को ४० हज़ार करोड़ रुपयों का नुकसान होने का दावा भी किया जा रहा है।

China-Banपूरे भारत में चीन के विरोध में बड़ी नाराज़गी है और जनता के साथ ही व्यापारी संगठना भी चिनी सामान का बहिष्कार कर रही है। बीते महीने में आत्मनिर्भर भारत और लोकल फॉर वोकल का नारा देकर सरकार ने स्वदेशी सामान की बिक्री के लिए प्रोत्साहित किया था। देश के ६ करोड़ व्यापारी और ४० हज़ार छोटे-बडे व्यापारियों का नेतृत्व कर रही ‘कैट’ ने इस के लिए मुहिम चलाई थी। व्यापारियों ने भी इस मुहिम को बड़ा रिस्पान्स देकर चीनी सामान का आयात नहीं किया और भारतीय सामान ही बिक्री के लिए रखा गया।

इस वजह चीन के निर्यातकों को ४० हज़ार करोड़ रुपयों का बड़ा नुकसान हुआ है, यह दावा किया जा रहा है। २० अलग अलग शहरों के प्रमुख वितरण केंद्रों से प्राप्त आँकड़ों के अनुसार दिवाली के अवसर पर देश में ७२ हज़ार करोड़ रुपयों से अधिक कारोबार हुआ है। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बंगलुरू, हैद्राबाद, कोलकाता, नागपुर, रायपुर, भुवनेश्‍वर, रांची, भोपाल, लखनऊ, कानपुर, नोएड़ा, जम्मू, अहमदाबाद, सूरत, कोचि, जयपुर, चंडीगड़ समेत बीस शहरों में प्रमुख वितरण केंद्र स्थापित हैं।

China-banदिवाली के दिनों में घरेलु (एफएमसीजी) सामान, खिलौने, कपड़े, बीजली के उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, रसोई घर का सामान, उपहार की वस्तुएं, घर की सजावट का सामान, बर्तन, सोना, जेवरात, चप्पल, घड़ी, फर्निचर की सबसे अधिक मात्रा में खरीद होने की बात दर्ज़ हुई है। चिनी सामान पर बहिष्कार करके दिवाली मनाने के ‘कैट’ के अभियान को पूरे देश में बड़ा समर्थन प्राप्त हुआ और भारतीय सामान की बड़ी मात्रा में बिक्री हुई, ऐसा कैट का दावा है।

चिनी सामान के बगैर भारतीयों की दिवाली फीकी होगी, भारतीयों के सामने चिनी समक्ष के लिए विकल्प नहीं है, क्योकि भारत का उत्पादन क्षेत्र काफी पिछड़ा हुआ है, ऐसा दावा चीन के सरकारी मुखपत्र लगातार कर रहे थे। लेकिन, चिनी सामान से इन्कार करके भारतीय नागरिकों ने अच्छा जवाब दिया हुआ दिख रहा है।

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