अफ़गान राष्ट्राध्यक्ष ने लगाई पाकिस्तानी सेनाप्रमुख को फटकार

काबुल – अमरीका और तालिबान के बीच शांति समझौता करने के लिए मध्यस्थता करने के बाद, पाकिस्तान को यह आशा थी कि अफ़गानिस्तान पर वर्चस्व स्थापित करने का अपना सपना सच्चाई में उतरेगा। लेकिन, अफ़गानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने पाकिस्तान को करारा तमाचा जड़ा हैं। ‘भारत और अफ़गानिस्तान अपनी भूमि का इस्तेमाल एक-दूसरे के एवं अन्य देश के विरोध में करने ना देने के विचार पर कायम हैं। इस वज़ह से भारत के साथ सहयोग स्थापित करने का अमर्यादित अवसर प्राप्त हुआ है, यह बात राष्ट्राध्यक्ष गनी ने पाकिस्तानी सेनाप्रमुख को सुनाई है। स्वयं राष्ट्राध्यक्ष गनी ने एक कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी साझा की।

Afganistanपाकिस्तान के सेनाप्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने हाल ही में अफ़गानिस्तान की यात्रा की थी। इस दौरान जनरल बाजवा ने राष्ट्राध्यक्ष गनी और विशेष कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला से बातचीत की। पाकिस्तानी सेनाप्रमुख की यह यात्रा अघोषित थी। इससे संबंधित जानकारी ज्यादा मात्रा में उपलब्ध नहीं हुई है। अफ़गानिस्तान में जारी शांति प्रक्रिया, अफ़गान सरकार और तालिबान के बीच हुई चर्चा, इस पृष्ठभूमि पर सेनाप्रमुख बाजवा ने यह यात्रा की होने की बात सामने आ रही है। हाल ही में हुई एक टेलिकॉन्फरन्स आंतर्राष्ट्रीय परिषद में बात करते समय अफ़गानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष ने पाकिस्तानी सेनाप्रमुख के साथ हुई बातचीत की जानकारी प्रदान की।

भारत और अफ़गानिस्तान के बीच, अपनी ज़मीन का इस्तेमाल एक-दूसरे के विरोध में ना करने देने के मुद्दे पर सहमति बनी है। साथ ही, अफ़गानिस्तान के लिए भारत के साथ सहयोग करने के लिए अमर्याद अवसर प्राप्त हुए हैं, यह बात हमने जनरल बाजवा से कही थी, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ ने कहा। अलग शब्दों में, पाकिस्तान की भूमि अफ़गानिस्तान के विरोध में इस्तेमाल करना संभव नही होगा। इसी वज़ह से अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान के सहयोग के लिए बड़ी मर्यादाएँ हैं, ऐसी चेतावनी राष्ट्राध्यक्ष गनी ने पाकिस्तानी सेनाप्रमुख को दी हुआ दिख रही है।

अफ़गानिस्तान में दो अरब डॉलर्स से भी अधिक ख़र्च की विकास परियोजना शुरू करके, इस देश के जनतंत्र को मज़बूती दे रहें भारत का वहाँ पर बना प्रभाव नष्ट करने के लिए पाकिस्तान जानतोड़ कोशिश कर रहा है। अमरीका और तालिबान की चर्चा के लिए मध्यस्थता करने पर प्राप्त हुए श्रेय का इस्तेमाल करके पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान में भारत के हितसंबंधों को झटका देने के अवसर की प्रतीक्षा में है। इसीलिए शायद पाकिस्तान के सेनाप्रमुख ने अफ़गानिस्तान की यात्रा की होगी, ऐसी कड़ी संभावना भी है। लेकिन अफ़गानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष गनी ने पाकिस्तान के सेनाप्रमुख को कड़े शब्दों में सच्चाई का एहसास दिलाया। साथ ही, इसकी जानकारी सार्वजनिक करके राष्ट्राध्यक्ष गनी ने पाकिस्तान के अफ़गानिस्तान में होनेवाले भारतविरोधी ईरादें भी दुनिया के सामने रखे हैं।

भारत स्थिर, जनतांत्रिक और प्रगतिशील अफ़गानिस्तान की उम्मीद रखता है। इसके लिए भारत अरबों डॉलर्स का निवेश कर रहा है। वहीं, पाकिस्तान अफ़गानिस्तान का नियंत्रण हाथ में लेना चाहता है। इस वज़ह से, यदि अफ़गानिस्तान तालिबान के कब्जे में गया, तो उसका भारत के विरोध में आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करना संभव होगा, ऐसा पाकिस्तान का अनुमान है। लेकिन, वर्तमान स्थिति पर ध्यान दें, तो पाकिस्तान को अफ़गानिस्तान का भारत के विरोध में इस्तेमाल करना संभव नही होगा, यह बात राजनयिक एवं विश्‍लेषक कह रहे हैं। अब अफ़गान राष्ट्राध्यक्ष ने भी यही बात पाकिस्तानी सेनाप्रमुख को उचित शब्दों में समझायी हुई दिख रही है।

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