चीन की चुनौती पर जवाब देने के लिए अमरिकी संसद में नया कानून बनाने के लिए गतिविधियां

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

वॉशिंगटन – ‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पिछले तीन दशकों में पहली बार अमरिका के सामने चीन के कारण ताकतवर प्रतिस्पर्धी खडा हुआ है और चीन की कडी चुनौतियों का मुकाबला करना पड रहा है| इसके आगे अमरिका ने जागतिक स्तर पर अपने सहयोगी एवं भागीदार देशों को एक करके चीन की घातक आर्थिक हरकतों के विरोध में लडना होगा’, इन शब्दों में अमरिका के वरिष्ठ सिनेटर मार्को रुबिओ ने संसद में चीन के विरोध में रखे जा रहे विधेयक का जोरदार समर्थन किया| अमरिका और चीन व्यापारी समझौते की तैयारी में होते समय चीन के विरोध में नया विधेयक संसद में पेश होना ध्यान आकर्षित कर रहा है|

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने पदग्रहण करने के बाद वर्ष २०१७ में ‘नैशनल सिक्युरिटी स्ट्रैटेजी’ का ऐलान किया था| इसमें चीन यह अमरिका का सामरिक प्रतिस्पर्धी होने का स्पष्ट जिक्र किया गया था| रशिया की सहायता से चीन अमरिकी हितसंबंध और मुल्यों के विरोध में हरकतें कर रहा है, यह आरोप भी ट्रम्प ने किया था| इसके बाद पिछले दो वर्षों में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने चीन के विरोध में खुलेआम व्यापार और आर्थिक युद्ध शुरू किया है और इस स्तर पर भी चीन को पीछे धकेलने में कामयाबी हासिल की है|

पर, ऐसा होते हुए भी अमरिकी सांसद राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प चीन के विरोध में और भी आक्रामक और कठोर भूमिका अपनाए, यह मांग कर रहे है और नया विधेयक इसी का हिस्सा है| नए विधेयक का नाम ‘ग्लोबल इकॉनॉमिक सिक्युरिटी स्ट्रैटेजी एक्ट’ यह है| अमरिका की आर्थिक सुरक्षा को लिए बने खतरें पहचान कर उसे प्रत्युत्तर देना और अमरिका का आर्थिक सामर्थ्य बरकरार रखना यही इस विधेयक का प्रमुख उद्देश्य है| विधेयक में दुनिया के अन्य देशों के साथ अमरिका ने बनाए सहयोग का जिक्र है, फिर भी चीन का खतरा प्रमुखता के साथ रेखांकित किया गया है|

अमरिका के रक्षा विभाग एवं गुप्तचर यंत्रणा ‘सीआयए’ ने इससे पहले ही चीन की हरकतों का संज्ञान लिया है और इसपर जवाब देने की तैयारी शुरू करने की बात सामने आयी है| पिछले वर्ष ‘सीआयए’ के प्रमुख पद पर नियुक्त हुए जिना हैस्पेल ने संसद के सामने हुई सुनवाई के दौरान अमरिका के विरोध में ची हरकतें कर रहा है, यह आरोप रखा था| इसी बीच जागतिक महासत्ता के तौर पर उभर रहे चीन की अवैध हरकतों पर नजर रखने के लिए ‘सीआयए’ भविष्य में अहम भूमिका निभाएगी, यह भी कहा गया था|

अमरिका के रक्षा विभाग ने चीन की चुनौती का संज्ञान लेकर एशिया और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की गतिविधियों को जोरदार गति दी है| इस क्षेत्र में शुरू चीन की हरकतें रोकने के लिए अमरिका ने जापान, दक्षिण कोरिया, भारत और ऑस्ट्रेलिया इन देशों का मोर्चा खडा करने की शुरूआत की है| चीन पर नजर रखने के लिए एवं दबाव बनाकर रखने के लिए यह मोर्चा अहम भूमिका निभा रहा है, यह बात पिछले कुछ महीनों में दिखाई दे रही है| इन सभी पृष्ठभूमि पर अमरिकी संसद में चीन के विरोध में नया कानून बनाने के लिए शुरू हुई गतिविधियां अहमियत रखती है|

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