अफ़गानिस्तान के हेरात प्रांत में हुए विस्फोट मे ८ ढ़ेर – ५० से अधिक घायल

काबुल – अफ़गानिस्तान के हेरात प्रांत में कार बम का विस्फोट से ८ लोग मारे गए हैं और ५० से अधिक घायल हुए हैं। इस हमले में अफ़गान सुरक्षा बल का एक सैनिक मारा गया है और ११ घायल होने की जानकारी प्रदान की जा रही है। संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद ने इस हमले की तीखे शब्दों में आलोचना की है और अफ़गानिस्तान की स्थिति पर चिंता जताई है।

afghanistan-herat-blastइस विस्फोट की ज़िम्मेदारी अभी किसी भी संगठन ने स्वीकारी नहीं है। लेकिन, इसके पीछे तालिबान का हाथ होने की कड़ी आशंका व्यक्त की जा रही है। अफ़गानिस्तान में इससे पहले हुए बम धमाके और अन्य आतंकी हमलों में से कुछ हमलों का ज़िम्मा आतंकी ‘आयएस’ संगठन ने उठाया था। लेकिन, बीते कुछ दिनों में अफ़गानिस्तान की सेना ने तालिबान के विरोध में आक्रामक मुहिम शुरू की है। इस दौरान बड़ी संख्या में तालिबानी आतंकी मारे जाने की खबरें प्राप्त हो रही थीं। इसका प्रतिशोध लेने के लिए तालिबान ने इस हमले को अंजाम दिया होगा, ऐसी संभावना सामने आ रही है।

अफ़गानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए अफ़गान सरकार तालिबान से बातचीत करे, यह माँग अमरीका कर रही है। अगले दिनों में यह चर्चा करने के लिए अफ़गान सरकार ने पहल नहीं की तो अमरीका तय मुद्दों के अनुसार १ मई तक अफ़गानिस्तान में तैनात अपनी पूरी सेना हटाएगी। इसके बाद तालिबान दोबारा अफ़गानिस्तान पर कब्जा किए बगैर नहीं रहेगी, ऐसा इशारा अमरीका के विदेशमंत्री ब्लिंकन ने अफ़गान राष्ट्राध्यक्ष को दिया था।

afghanistan-herat-blastलेकिन, तालिबान के साथ बातचीत करने के मुद्दे पर अफ़गान सरकार की भूमिका काफी अलग है। दोहा में हुए शांति समझौते के अनुसार तालिबान ने अफ़गानिस्तान में जारी हिंसा कम करने का वादा अमरीका से किया था। लेकिन, तालिबान इसका पालन नहीं कर रहा है, बल्कि तालिबान की हिंसा में अधिक बढ़ोतरी हुई है, ऐसी आपत्ति अफ़गान सरकार जता रही हैं। ऐसी स्थिति में तालिबान से बातचीत करना कठिन है, ऐसा अफ़गान सरकार का कहना है। इस वजह से निर्माण हुई समस्या का हल निकालने के लिए अमरीका ने भारत, पाकिस्तान, ईरान और रशिया के साथ चर्चा करने की तैयारी दिखाई थी।

afghanistan-herat-blastरशिया ने भी अफ़गानिस्तान की शांति प्रक्रिया के लिए स्वतंत्र तौर पर कोशिश शुरू की है। तालिबान को अफ़गानिस्तान के अस्थायि सरकार में स्थान देने की माँग रशिया ने की है। इससे अफ़गानिस्तान की राजनीतिक गतिविधियों में तालिबान शामिल होगी और इससे काफी समस्याओं का हल निकलेगा, यह विश्‍वास रशियन विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़ाखारोवा ने व्यक्त किया है। तुर्की ने भी अफ़गानिस्तान को लेकर शांतिवार्ता का आयोजन किया है और यह शांतिवार्ता अप्रैल महीने में होगी।

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