आतंकवादियों को होने वाले वित्त सहायता के विरोध में ७० देशों की एकजुट

पैरिस: आयएस एवं अलकायदा जैसे आतंकवादी गट को मिलनेवाली वित्तिय सहायता रोकने के लिए दुनिया के ७० देश साथ आए हैं। पिछले हफ्ते में पैरिस में हुए बैठक में फ्रान्स के राष्ट्रपति इमैन्युएल मैक्रोन ने दुनिया के अनेक देश आतंकवादियों की गतिविधियों को सीधे एवं अप्रत्यक्ष रूप से प्रोत्साहन दे रहे है, ऐसा आरोप करके उसके विरोध में कठोर कार्रवाई आवश्यक होने की चेतावनी दी है। बैठक के बाद प्रसिद्ध किए हुए प्रस्ताव में आतंकवाद को प्रदान होने वाली वित्त सहायता अपराध होने की तथा ऐसी व्यक्ति, देश अथवा गट के विरोध में प्रतिबंध जारी करने के प्रावधान करने की घोषणा की गई है।

वित्त सहायता, विरोध, आतंकवादी गट, ७० देशों, एकजुट, पैरिस, इमैन्युएल मैक्रोनफ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रोन ने पहल करते हुए आतंकवाद के विरोध में इस बैठक का आयोजन किया था। २ दिन चले बैठक में ८० देशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। उसमें अमरिका के वित्तमंत्री स्टीवन एम्नुकिन, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड, सऊदी अरेबिया एवं कतार के विदेशमंत्री तथा फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स के संचालक डेविड लुइज उपस्थित थे।

वित्त सहायता, विरोध, आतंकवादी गट, ७० देशों, एकजुट, पैरिस, इमैन्युएल मैक्रोनआतंकवाद का खतरा आनेवाले समय में खत्म नहीं होगा। अलकायदा एवं आयएस जैसे आतंकवादी संघटना विविध देशों में हमले करके निरपराध नागरिकों की जान लेंगे। इसकी वजह से अनेक देश अस्थिर हो सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने उसका मुकाबला करने के लिए अधिक आक्रामक एवं ठोस भूमिका लेनी होगी, ऐसे शब्दों में मैक्रोन ने इस बैठक के पीछे रखी भूमिका स्पष्ट की है। उस समय उन्होंने बेनामी रुप से आतंकवादी संगठन को होनेवाली सहायता, और इसके लिये हो रहे फ़र्जी स्वयंसेवी संस्था, क्राउड फंडिंग का उपयोग के विरोध में कठोर कार्रवाई की मांग भी उन्हॊंने की है।

अमरिका एवं पाश्चात्य देशों ने खाड़ी देशों में आतंकवादी एवं कट्टरपंथी संगठनों को मिलनेवाली वित्त सहायता के विरोध में आक्रामक भूमिका ली है। खाड़ी देशों में कई प्रमुख देशों ने इस मुद्दे पर कतार को जिम्मेदार करते हुए, इसके विरोध में बहिष्कार करने का निर्णय लेकर खलबली फैलाई थी। इस पृष्ठभूमि पर फ्रान्स में हुई बैठक में मंजूर हुआ प्रस्ताव महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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