म्यांमार में जुंटा हुकूमत की कार्रवाई में ७ की मौत

myanmar-junta-regimeयांगून – म्यांमार की जुंटा हुकूमत के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर सेना द्वारा गोलियाँ चलाने से ७ प्रदर्शनकारी मारे गए हैं। इसके साथ ही चार महीनों से जारी इन प्रदर्शनों में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर ७६६ हुई है। जुंटा हुकूमत के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन तीव्र करने के लिए म्यांमार के गुटों ने विश्‍वभर में ‘स्प्रिंग रिवोल्युशन’ का आवाहन किया है। इसके अनुसार रविवार के दिन म्यांमार के साथ अमरीका के न्यूयॉर्क एवं ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में म्यांमार में लोकतंत्र के समर्थन में हो रहे प्रदर्शनों के समर्थन में प्रदर्शनों का आयोजन किया गया था।

१ फ़रवरी की सुबह को म्यांमार की जुंटा हुकूमत ने आँग सैन स्यू की और लोकतांत्रिक सरकार के नेताओं को गिरफ्तार करके देश की सत्ता हथिया ली थी। तभी से अपने नेताओं की रिहाई और लोकतंत्र की माँग करनेवालों ने म्यांमार में शुरू किए प्रदर्शनों को शनिवार के दिन तीन महीने हुए। इस अवसर पर इन लोकतांत्रिक गुटों ने मिलकर म्यांमार तक सीमित रहे यह प्रदर्शन वैश्विक करने का ऐलान किया। और इसके लिए ‘स्प्रिंग रिवोल्युशन’ की आवाज़ दी गई है। इस ‘स्प्रिंग रिवोल्युशन’ से पूरे विश्‍व को दहला देने का आवाहन म्यांमार के इन नेताओं ने किया है।

myanmar-junta-regimeम्यांमार के प्रदर्शनकारियों ने रविवार के दिन सेना ने लगाए कर्फ्यू के आदेश ठुकराकर यंगून, वेटलेट, शान, हाकांत जैसे विभिन्न शहरों में बड़ी संख्या में प्रदर्शन किए। म्यांमार की सेना ने इन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ की हुई कार्रवाई के दौरान कम से कम सात लोगों के मारे जाने का दावा किया जा रहा है। इसके अलावा सोशल मीडिया में इन प्रदर्शनों का आवाहन कर रही एक युवती को सेना ने हिरासत में लिया है। इसके अलावा सेना ने पांच युवतियों का अपहरण किया है, ऐसा आरोप स्थानीय लोग लगा रहे हैं। इससे पहले भी सेना ने इसी तरह के प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे युवक और युवतियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से कुछ लोगों पर अत्याचार करने की खबरें भी प्रसिद्ध हुईं थी।

myanmar-junta-regimeम्यांमार के गुटों ने आवाहन किए इस ‘स्प्रिंग रिवोल्युशन’ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिसाद प्राप्त होने लगा है। अमरीका के न्यूयॉर्क शहर के प्रसिद्ध टाईम्स स्क्वेअर में लगभग डेढ़ सौ से अधिक लोगों ने एकसाथ म्यांमार में दोबारा लोकतंत्र स्थापित करने की माँग की। इसी बीच ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में भी इसी तरह के प्रदर्शन हुए। इस दौरान म्यांमारी वंश के नागरिकों के साथ आग्नेय एशियाई एवं कुछ ऑस्ट्रेलियन नागरिक भी शामिल हुए थे।

म्यांमार की स्थिति काफी खराब होती जा रही है। म्यांमार की सेना आतंकियों की तरह कार्रवाई कर रही है, ऐसी आलोचना स्थानीय नेता और नागरिक सोशल मीडिया के माध्यम से कर रहे हैं। इस दौरान म्यांमार की सेना के खिलाफ इस देश के सशस्त्र विद्रोही संगठन एकजुट हुए हैं। कुछ हिस्सों में नए सशस्त्र संगठन तैयार हो रहे हैं और सेना अफसरों के ‘वॉन्टेड’ घोषित करनेवाले पोस्टर्स सड़कों पर लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा इन विद्रोही संगठनों ने सेना के अड्डों पर हमले करना शुरू किया है, ऐसी खबरें भी सामने आ रही हैं। इस वजह से म्यांमार में जारी यह प्रदर्शन गृहयुद्ध में तब्दील होते दिखाई दे रहे हैं।

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