कोरोना से हुए आर्थिक नुकसान की पृष्ठभूमि पर युरोप के लिए ५०० अरब युरो का फंड़ – जर्मनी-फ्रान्स का ऐलान

बर्लिन/पैरिस – कोरोना की महामारी का सबसे बड़ा आर्थिक झटका महसूस कर रहें युरोप की अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने के लिए ५०० अरब युरो की विशेष निधि का ऐलान किया गया है। जर्मनी एवं फ्रान्स के राष्ट्रप्रमुखों में हुई वीडियो कान्फरन्सिंग में यह जानकारी प्रदान की गई। कोरोना की महामारी से सबसे अधिक नुकसान भुगत रहें देशों में, युरोप के सभी शीर्ष देशों का समावेश है और इस स्थिति में जर्मनी ने भी मंदी का ऐलान किया है।

युरोप में कोरोना वायरस की महामारी ने कोहराम मचाया है और अब तक १.६३ लाख से भी अधिक लोगों की मृत्यु हुई है। इसी दौरान कोरोना संक्रमितों की संख्या १८ लाख के करीब पहुँची होकर, पिछले २४ घंटों में युरोप में कोरोना के १६ हज़ार से भी अधिक नए मामले सामने आए हैं। इस पृष्ठभूमि पर, युरोप की शीर्ष अर्थव्यवस्थाएँ कहें जा रहें जर्मनी एवं फ्रान्स ने किया इस निधि का ऐलान बड़ा महत्त्वपूर्ण है।

सोमवार के दिन जर्मनी की चान्सेलर एंजेला मर्केल और फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मॅक्रॉन ने वीडियो कान्फरन्सिंग के ज़रिये बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं ने युरोप के लिए ५०० अरब युरो के ‘रिकव्हरी फंड़’ का ऐलान किया। इस फंड़ के लिए युरोपियन कमिशन कर्ज़ के माध्यम से रकम उपलब्ध कराएँ, यह सूचना इन दोनों देशों ने की है।

रिकव्हरी फंड़ का इस्तेमाल, कोरोना की महामारी से बड़ा आर्थिक नुकसान उठा रहें सदस्य देशों को अनुदान देने के लिए करें, यह बात जर्मनी एवं फ्रान्स के नेताओं ने कही है। देशों के साथ ही, युरोपीय अर्थव्यवस्था के जिन क्षेत्रों का सबसे अधिक नुकसान हुआ है, उन्हें भी कुछ मात्रा में हर्ज़ाना दें, ऐसा भी इस प्रस्ताव में सूचित किया गया है।

नया प्रस्ताव युरोपिय महासंघ की कार्यपद्धति में हुआ बड़ा बदलाव है और युरोझोन की एकता बरक़रार रखने के लिए इसकी आवश्‍यकता थी, इन शब्दों में फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष मॅक्रॉन ने ‘रिकव्हरी फंड़’ का समर्थन किया। कोरोना के संकट से बाहर निकलने के लिए एवं फिर से मज़बूती से खड़े रहने के लिए कदम उठाना अहम है, यह बयान जर्मन चान्सलर ने इस दौरान किया। जर्मनी इस निधि में २७ प्रतिशत योगदान देगी, यह दावा भी उन्होंने किया।

कोरोना की महामारी की पृष्ठभूमि पर, युरोपिय अर्थव्यवस्था को इस वर्ष मंदी का झटका लगेगा, यह अंदाजा कई आंतर्राष्ट्रीय गुटों ने व्यक्त किया है। कुछ दिन पहले ही जर्मन अर्थव्यवस्था में गिरावट होने का ऐलान किया गया था। फ्रान्स, इटली, स्पेन और बेल्जियम भी मंदी का मुकाबला करना पड़ रहा होने के संकेत प्राप्त हुए हैं। ऐसी स्थिति में, इस रिकव्हरी फंड़ का ऐलान होना, राहत की घटना साबित होती है।

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