ईरान में हुई भगदड में ४० लोगों की मौत

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरतेहरान: ईरान के केमरान में कासेम सुलेमानी की अंतिम यात्रा में बडी संख्या में शामिल हुई भीड में हुई भगदड के कारण ४० लोगों की मौत हुई है और ४८ से भी अधिक लोग जख्मीं हुए है| सुलेमानी को बिदा करने के लिए मंगलवार के दिन लाखों लोग मौजूद रहें| पिछले तीन दशकों में पहली बार ईरान में इतनी बडी संख्या में भीड होने का दावा माध्यमों ने किया है| पर, इस भीड का नियोजन करने में यंत्रणाओं के लिए कठिनाई हुई और इसी कारण हुई भगदड से ईरान में दुख का माहौल बना है|

पिछले हफ्ते में अमरिका ने किए हमले में मारे गए लेफ्टनंट जनरल कासेम सुलेमानी का शव मंगलवार के दिन उनके जन्मस्थान ‘केमरान’ में लाया गया था| ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी के नीचे दुसरें क्रमांक के प्रभावी नेता के तौर पर सुलेमानी की पहचान बनी थी| इस वजह से उन्हें आखरी बिदाई देने के लिए केमरान शहर में सोमवार की रात से ही ईरान की जनता ने लाखों की संख्या में भीड की थी|

ईरान की पुलिस के साथ ही रिव्होल्युशनरी गार्डस् बसिज मिलिशिया, कुदस् फोर्सेस के सैनिक तैनात होते हुए भी इस भीड पर नियंत्रण रखना सुरक्षा रक्षकों के लिए कठिन बना था| लाखों की भीड अनियंत्रित होने से मची हडबडी और भगदड में ४० लोगों की मौत होने की जानकारी सरकारी समाचार चैनल ने जारी की है|

केमरान के रास्ते के कोने में शव और घायल लोग गिर पडे रहने का वीडियो भी सामने आया था| इन घायलों को अस्पताल पहुंचाने की कोशिश जारी थी| पर, इतनी भीड से एम्ब्युलन्स तक इन्हें पहुंचाना भी कठिन हुआ था| ईरान की सरकार ने इस घटना की पुरी जानकारी अभी जारी नही की है| पर, भीड की मात्रा देखर इस घटना में मारे गए लोगों की संख्या ज्यादा होने की संभावना जताई जा रही है| घायलों में माध्यमों के प्रतिनिधी भी होने की बात कही जा रही है|

इससे पहले सोमवार के दिन राजधानी तेहरान में सुलेमान को बिदा करने के लिए १० लाख लोगों की भीड हुई थी, यह दावा ईरान के माध्यमों ने किया था| तभी, केमरान शहर में भी उतनी ही भीड हुई ती, यह कहा जा रहा है| पर, इस दौरान जनता में दुख और अमरिका को लेकर बना क्रोध भी दिख रहा था, यह बात ईरानी माध्यमों ने रखी है| इस दौरान जगह जगह पर ईरानी जनता ने अमरिका और इस्रायल का सर्वनाश होने के नारे लगाए| साथ ही अमरिका, इस्रायल, ब्रिटेन और जर्मनी के राष्ट्रप्रमुख के फोटो भी इस दौरान जलाए गए|

दौरान, सुलेमानी की अंतिम यात्रा के लिए हुई भीड की तुलना ईरान की इस्लामिक क्रांती के जनक आयातुल्ला ‘रुहोल्ला खोमेनी’ की अंतिम यात्रा से की जा रही है| वर्ष १९८९ में आयातुल्ला खोमेनी की अंतिम यात्रा के दौरान भी राजधानी तेहरान में दोनो तरफ ईरानी जनता ने बडी भीड की थी| इसके बाद ईरान में किसी भी नेता को इतनी अधिक मात्रा में लोकप्रियता हासिल नही हुई| सुलेमानी के लिए तेहरान के साथ अहवाझ, मशाद और केमरान इन शहरों में हुई भीड उतनी ही बडी थी, यह जानकारी साझा हो रही है|

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