डीआर कांगो में आतंकी हमले में ३३ की निर्मम मौत

DR-Congo-terrorists-394x217किन्हासा – डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो यानी ‘डीआर कांगो’ में आतंकियों ने किए भीषण हत्याकांड़ में ३३ लोग मारे गए हैं। इस दौरान ‘आयएस’ से जुड़े आतंकियों ने युगांड़ा की सीमा के करीब १३ गाँववालों के सिर काटकर किए भयंकर हत्याकांड़ का भी इसमें समावेश है। इसके बाद ‘डीआर कांगो’ और युगांड़ा की सरकार इस आतंकी संगठन के खिलाफ बड़ी लष्करी मुहिम शुरू करने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

‘अलाईड डेमोक्रैटिक फोर्सेस’ (एडीएफ) नामक आतंकी संगठन ने दो दिन पहले डीआर कांगो के उत्तरी ओर के बेनी शहर के करीब स्थित गाँव में घुसकर यह हत्याकांड़ किया। इन आतंकियों ने गांव के २२ लोगों की हत्या की। इनमें से १३ लोगों का शिरच्छेद किया, ऐसा डीआर कांगो के सेना ने कहा है। मारे गए लोगों में महिला और बच्चों का भी समावेश है। इसके अलावा एक ही परिवार के आठ लोग भी इस हत्याकांड़ में मारे गए हैं।

DR-Congo-terrorists-01-300x168इस परिवार के चार महीने के बच्चे को छोड़कर उसके छह भाईयों को भी आतंकियों ने मार ड़ाला। इन बच्चों की माँ का शव अभी बरामद नहीं हुआ है। ‘एडीएफ’ के जंगल में गांववालों के शव फेंक दिए गए हैं और मृतकों की संख्या काफी ज़्यादा हो सकती है, यह ड़र व्यक्त किया जा रहा है। इसके अलावा ‘एडीएफ’ के आतंकियों की हिंसा में दस लोगों की मौत हुई है।

इस भयंकर हत्याकांड़ को अंजाम देनेवाले ‘एडीएफ’ पर ‘आयएस’ का प्रभाव होने का दावा किया जा रहा है। साथ ही ‘एडीएफ’ संगठन का प्रमुख जमील मुकूलू ने ओसामा बिन लादेन से भी मिला था। उनकी इस मुलाकात के बाद जमील ने ‘डीआर कांगो’ में ‘एडीएफ’ शुरू करके वहाँ की सरकार का तख्तापलट करने के लिए आतंकी हमलें शुरू किए थे।

DR-Congo-terrorists-02-300x261यह आतंकी संगठन ‘डीआर कांगो’ के उत्तरी ओर एवं युगांड़ा के सरदही इलाके में बड़ी मात्रा में हमलें किए जा रहा है। इन हमलों में ३,५०० से भी अधिक लोगों के मारे जाने का दावा किया जा रहा है। बीते पांच महीनों के दौरान इन आतंकियों ने कम से कम ५०० लोगों की हत्या की है। ऐसें में इस महीने की शुरुआत में बेनी में किए गए हत्याकांड़ में २१ लोग मारे गए थे।

‘एडीएफ’ के इन बढ़तें हमलों की पृष्ठभूमि पर, तीन हफ्ते पहले ‘डीआर कांगो’ की सरकार ने उत्तरी ओर के किवू और इतूरी क्षेत्र में मार्शल लॉ का ऐलान किया था। इस दौरान युगांड़ा की सरकार ने भी ‘एडीएफ’ पर कार्रवाई करने का ऐलान किया था। इसके बाद भी ‘एडीएफ’ के आतंकियों ने भीषण हत्याकांड़ करने के कारण, ‘डीआर कांगो’ और युगांड़ा की सरकार पर दबाव बढ़ा है।

बता दें, मध्य अफ्रीका का ‘डीआर कांगो’ खनिजों से समृद्ध देश है। कोबाल्ट धातु का विश्‍व में सबसे बड़ा उत्पादक, यह पहचान ‘डीआर कांगो’ की बनी है। इसके अलावा इस देश में कॉपर और हीरों की खदानें भी मौजूद हैं। खनिजों के खनन पर इस देश की अर्थव्यवस्था काफी मात्रा में निर्भर है। इसी वजह से आतंकियों ने इस देश में भयंकर हिंसा और अस्थिरता फैलाकर डीआर कांगो को आर्थिक स्तर पर भी झटके देने की कोशिश जारी रखी है।

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