अफ़गानिस्तान में हुए संघर्ष में ३१ ढ़ेर

काबुल – अफ़गानिस्तान में बीते २४ घंटों में सेना और तालिबानी आतंकियों के हुए संघर्ष में ३१ लोग ढ़ेर हुए। इस दौरान २१ तालिबानी आतंकी और १० अफ़गान सैनिक मारे गए हैं। इसी बीच, मई की ‘डेडलाईन’ के बाद भी अफ़गानिस्तान में अमरीका अपनी सेना की तैनाती कायम रखे, ऐसा आवाहन अमरीका के अभ्यासगुट ने अपनी रपट में किया है।

afghan-conflict-talibanअफ़गान वृत्तसंस्था ने प्रसिद्ध की हुई जानकारी के अनुसार उरूज़गन और सर ए पूल इन दो प्रांतों में तालिबानी आतंकियों ने अफ़गान सुरक्षा रक्षकों को लक्ष्य किया। तालिबान के हमले में अफ़गान सेना के १० सैनिक मारे गए और ११ घायल हुए। अफ़गान सेना ने इस दौरान प्रत्युत्तर के तौर पर की कार्रवाई में छह आतंकी भी मारे गए। इस घटाने के कुछ घंटे बाद ही तालिबान ने कंदहार प्रांत में अफ़गान सेना की चौकियों को लक्ष्य करने की योजना बनाई थी।

कंधार प्रांत के अरघनाबाद और दांद इन दोनों जिलों में बड़ी संख्या से घुसपैठ करके तालिबान ने हमले की तैयारी जुटाई थी। लेकिन, चौकन्ने अफ़गान सुरक्षा यंत्रणा ने कार्रवाई करके १५ तालिबानी ढ़ेर किए। अफ़गान सेना की कार्रवाई से तालिबान की मंशा विफल हुई। इस कार्रवाई में अफ़गान सेना ने हथियारों का बड़ा भंड़ार जब्त किया और इसमें विस्फोटकों से भरी दो कारें और चार मोटर सायकलों का समावेश है।

afghan-conflict-talibanअमरीका और अफ़गानिस्तान की सरकार के साथ बातचीत शुरू करके इसके पीछे से तालिबान ने यहां पर आतंकी हमलों की तीव्रता बढ़ाई है। तालिबान ने अफ़गानिस्तान के नेता, प्रशासकीय अधिकारी और सैनिकों को सबसे अधिक लक्ष्य किया है। कुछ दिन पहले जारी की गई ‘स्पेशल इन्स्पेक्टर जनरल फॉर अफ़गानिस्तान रिकन्स्ट्रक्शन’ (सिगार) नामक अभ्यासगुट ने एक रपट के माध्यम से इस बात पर ध्यान आकर्षित किया था। बीते वर्ष के १ अक्तुबर से ३१ दिसंबर दे तीन महीनों में हुए तालिबान के हमलों में अफ़गानिस्तान में ८१० मारे गए थे।

इसी बीच, अमरीका की कांग्रेस ने नियुक्त किए ‘अफ़गानिस्तान स्टडी ग्रूप’ नामक गुट ने जारी की रपट में बायडेन प्रशासन को आवाहन किया है। मई के बाद भी अफ़गानिस्तान में तैनात सेना की अमरीका वापस ना बलाए, ऐसा इस गुट ने कहा है। अमरिकी सेना की वापसी के कारण अफ़गानिस्तान में जारी आतंकी गतिविधियां अधिक तीव्र होंगी, ऐसी चिंता इस गुट ने व्यक्त की है।

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