केरल में जानलेवा निपाह के महामारी से १६ लोग मृत आरोग्य विभाग से हाई अलर्ट घोषित

कोझिकोड – केरल में कोझिकोड जिले में जानलेवा निपाह विषाणु के महामारी से हाहाकार फैला है और उसमें १६ लोगों की जान गई है। ६ रोगियों की तबीयत गंभीर होकर लगभग २५ लोगों को संदिग्ध रूप से दाखिल किया गया है और उनपर चिकित्सा शुरू की गई है। केरल के आरोग्य विभाग से हाई अलर्ट घोषित किया गया है और केंद्र सरकार ने आरोग्य विभाग का विशेष पथक केरल भेजने की जानकारी केंद्रीय आरोग्य मंत्री जेपी नड्डा ने दी है। भारत में इससे पहले सन २००१ में पश्चिम बंगाल को विषाणु के महामारी का झटका लगने से ५० लोगों की मृत्यु हुई थी।

दो हफ्तों पहले कोझिकोड के एक परिवार के तीन लोगों को निपाह विषाणु से बाधा होने की बात सामने आई थी। इन तीनों ने फ्रूट बैट प्रकार के चमगादड़ों की उपस्थिति होनेवाले पेड़ पर लगे फल खाने का संदेह व्यक्त किया जा रहा है। उसके बाद रविवार तक कोझिकोड में लगभग १६ लोगों की निपाह विषाणु के महामारी में मृत्यु होने की जानकारी केरल सरकार ने दी है। इससे व्यतिरिक्त जिले के विविध अस्पताल में लगभग २५ लोगों पर निपाह विषाणु की बाधा होने का संदेह होने से चिकित्सा हो रही है।

निपाह विषाणु के महामारी में मारे गए रोगी तथा इसकी बाधा होने का संदेह होने वालों के संपर्क में आए सभी लोगों की जांच हो रही है। उनके लिए स्वतंत्र व्यवस्था की गई है। कोझिकोड के चिकित्सा महाविद्यालयों से संलग्न अस्पतालों को स्पेशल वॉर्ड की व्यवस्था करने के आदेश दिए गए हैं। निपाह विषाणु के संदिग्ध रोगी प्राप्त होने पर उन्हें अस्पताल में दाखिल करने की सूचना दी गई है, ऐसी जानकारी केरल के आरोग्य मंत्री शैलजा ने दी है।

केरल में निपाह विषाणु के महामारी को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लेते हुए सोमवार को डॉक्टर एवं विशेषज्ञों का समावेश होनेवाला पथक कोझिकोड में दाखिल हुआ है। सभी संदिग्ध रोगियों के खून के नमूने पुणे के ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी’ को भेजे गए हैं।

१९९९ वर्ष में मलेशिया में पाए गए निपाह विषाणु के महामारी से अब तक ३०० से अधिक लोग मारे गए हैं और बांगलादेश में लगभग ५ बार इस महामारी का झटका लगा है। इस पर किसी भी प्रकार की दवाई अथवा टीका उपलब्ध नहीं है और इंटेंसिव सपोर्ट केयर में चिकित्सा करना यह एकमेव उपाय होने की जानकारी जागतिक आरोग्य संघटना से दी गई है।

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