छत्तीसगढ़ के दांतेवाड़ा में १६ माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण

दांतेवाड़ा – छत्तीसगढ़ के दांतेवाड़ा में अन्य १६ माओवादियों ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण किया है। २६ जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस के अवसर पर भी २४ माओवादियों ने हथियारों का त्याग किया था। इसके बाद अन्य १६ माओवादियों ने आत्मसमर्पण करने से मात्र दांतेवाड़ा में इसी महीने में ‘लोन वरतु’ मुहिम के तहत आत्मसमर्पण करनेवाले माओवादियों की संख्या ६२ से अधिक हुई है। इससे इस मु्हिम को बड़ी कामयाबी की प्राप्ति और दांतेवाड़ा में माओवादियों का प्रभाव कम होने की बात रेखांकित हो रही है।

maoistशनिवार के दिन छत्तीसगढ़ पुलिस और सीआरपीएफ के सैनिकों के सामने १६ माओवादियों ने हथियारों का त्याग करके आत्मसमर्पण किया। यह सभी माओवादी दांतेवाड़ा के बाचेली और किरंदूल जिलों में सक्रिय थे। इनमें से १४ माओवादी माडकमीरस गांव के निवासी थे। इनमें से दो माओवादियों के सिर पर लाख रुपये ईनाम रखा गया था, यह जानकारी दांतेवाड़ा के पुलिस अधिक्षक अभिषेद पाल्लवा ने प्रदान की। माओवादियों की खोखली विचारधारा से तंग होकर इन माओवादियों ने ‘लोन वरतु’ मुहिम से प्रभावित होने के बाद आत्मसमर्पण करने का निर्णय किया, ऐसा पाल्लवा ने कहा है।

आत्मसमर्पण करने की मंशा रखनेवाले माओवादियों के लिए बीते वर्ष सरकार ने ‘लोन वरतु’ यानी घर वापस लौटें, यह मुहिम शुरू की थी। राह से भटकने के बाद माओवादियों के गलत प्रचार का शिकार होने से माओवादी संगठनों में शामिल हुए लोगों को इस योजना के माध्यम से घर लौटने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। इन माओवादियों का पुनर्वसन किया जा रहा है और उन्हें आर्थिक सहायता भी प्रदान की जा रही है। साथ ही उन्हें रोज़गार के लिए प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। इस योजना को जोरदार रिस्पान्स प्राप्त हो रहा है और बीते वर्ष जून महीने में इस मुहिम की शुरूआत होने के बाद अब तक २८८ माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।

इस महीने में अब तक करीबन ६२ माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। २६ जनवरी के दिन १४ और १८ जनवरी के दिन ८ माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया था। इनमें से ४ माओवादियों के सिर पर बड़ा ईनाम घोषित किया गया था। इसके अलावा ७ जनवरी के दिन दांतेवाड़ा में ही १४ माओवादियों ने सुरक्षाबल के सामने हथियार रखकर मुख्यधारा में प्रवेश किया। छत्तसीगढ़ के बिजापुर और बस्तर विभाग के माओवादी भी आत्मसमर्पण कर रहे हैं। बस्तर जिले में बीते वर्ष हुई मुठभेड़ में ४० माओवादी मारे गए थे और ४३८ माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया था। इससे छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों की जारी कार्रवाई, विकास काम और पुनर्वसन करने की मुहिम की वजह से माओवादियों का प्रभाव कम होने की बात स्पष्ट हो रही है।

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