जम्मू-कश्मीर में १५० अलगाववादी गिरफ्तार; १० हजार जवानों की तैनाती

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरजम्मू – आतंकवादी एवं उनका पालन करनेवाले बडी गलती कर बैठे है| उन्हें इस गलती की किमत चुकानी होगी, यह चेतावनी प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी इन्होंने एक सभा में दी थी| प्रधानमंत्री पाकिस्तान पर कडी कार्रवाई करने के संकेत दे रहे है, तभी जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने गतिविधियां शुरू की है|

लगातार पाकिस्तान का पक्ष लेनेवाले १५० अलगाववादियों को जम्मू-कश्मीर में गिरफ्त में लिया गया है| साथ ही केंद्र सरकार ने राज्य में अतिरिक्त दस हजार जवानों की तैनाती की है| भारत की इन गतिविधियों की अहमियत बढी है और यह कदम पाकिस्तान पर कठोर कार्रवाई करने की दिशा में उठाए गए है, ऐसा दिखाई दे रहा है| जम्मू-कश्मीर में कई जगहों पर छापा किआ जा रहा है और नियंत्रण रेखा पर भारत?और पाकिस्तान की सेना में मुठभेड शुरू होने के समाचार भी प्राप्त हो रहे है|

जमात ए इस्लामी इस संगठन के अब्दुल हमीद फैयाज और उसके अन्य सहयोगीयों का कब्जें में किया गया है| साथ ही ‘जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट’ (जेकेएलएफ) का नेता यासिन मलिक को भी गिरफ्त में लिया गया है और ऐसी कार्रवाई हुए अलगाववादी नेताओं की संख्या १५० से अधिक होने की जानकारी दी जा रही है| अलगाववादियों की प्रमुख ‘हुरियत कॉन्फरन्स’ संगठन के नेताओं पर भी नजर रखी जाने की जानकारी भी सामने आ रही है| सुरक्षा को लेकर सावधानी बरतने के लिए यह कार्रवाई शुरू होने की जानकारी सुरक्षा बल दे रहे है| वर्ष १९९० के बाद जम्मू-कश्मीर में इतनी बडी तादाद में पहली बार कार्रवाई शुरू हुई है|

साथ ही जम्मू-कश्मीर में छापे भी कराए जा रहे है| इस कार्रवाई की जानकारी समाचारों के माध्यम से पुरे देश में पहुंची है और आम जनता इस कार्रवाई का स्वागत कर रही है| पाकिस्तान के पैसों पर पल रहे इन अलगाववादी नेताओं पर इससे भी अधिक कठोर कार्रवाई हो, यह मांग जनता से हो रही है| वही, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ्ती इन्होंने इस कार्रवाई पर नाराजगी जताई है|

लेकिन, सुरक्षा के उद्देश्य से यह कार्रवाई जरूरी होने का दावा सुरक्षा यंत्रणा कर रही है| इस दौरान, पुलवामा में हुए हमले के बाद केंद्र सरकार ने आजतक जम्मू-कश्मीर में अलगाववादीयों को दी जा रही सुरक्षा हटाई थी| इसके बाद अलगाववादी नेता डर की छाया में है, फिर भी जाहीर तौर पर उन्होंने यह दावा किया है की, हमें भारत की सुरक्षा की जरूरत नही है| साथ ही हमने सुरक्षा की मांग नही की थी, ऐसा इन अलगाववादी नेताओं ने कहा था| इस दौरान अलगाववादी गुटों का नेतृत्व कर रहे नेताओं को गिरफ्त में लेकर सरकार ने आनेवाले समय में कार्रवाई करने के लिए जरूरी जमीन तैयार की है|

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंग इन्होंने इस दौरान कडी चेतावनी देते समय यह कहा है की, आगे से अलगाववादीयों की गतिविविधयां बर्दाश्त नही की जाएंगी| प्रधानमंत्री मोदी इन्होंने ‘पुलवामा’ में हुए हमले का बदला लिया जाएगा, ऐसा दावा फिर से किया है| आतंकवाद की फैक्टरी शुरू होते हुए दुनिया में शांति नही बन सकती, यह कहकर प्रधानमंत्री ने शांति बनाने के लिए पाकिस्तान के साथ बातचीत करने का निवेदन भारत को करनेवालों को जवाब दिया है| साथ ही हमारी जंग कश्मीरी जनता के साथ ही है, आतंकवाद के विरोध में है, इन शब्दों में प्रधानमंत्री मोदी ने एक सभा में सरकार की निती स्पष्ट की|

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