कोरोना की महामारी रोकने के लिए महाराष्ट्र में पंद्रह दिन की संचार बंदी

मुंबई – कोरोना की महामारी का उद्रेक हुआ है, ऐसे में यह महामारी रोकने के लिए महाराष्ट्र में पंद्रह दिन की संचार बंदी की घोषणा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने की। लॉकडाऊन न लगाते हुए, लॉकडाऊन जैसे सख्त प्रतिबंध लगाए गए होकर, जनता अत्यावश्यक वजह के बिना घर से बाहर ना निकलें, ऐसा आवाहन मुख्यमंत्री ने किया। बुधवार १४ अप्रैल की रात ८ बजे से ये प्रतिबंध लागू होनेवाले हैं।

maharashtra-curfewमंगलवार को भी महाराष्ट्र में कोरोना के कारण २८१ लोगों ने दम तोड़ा और ६० हज़ार से अधिक नए मरीज पाए गए। महाराष्ट्र में पिछले तीन हफ्तों से कोरोना के चौबीस घंटों में पाए जानेवाले नए मरीजों संख्या रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ रही है। साथ ही इस महामारी से होनेवाली मृत्यु की दर भी बढ़ी है। राज्य में अस्पतालों में बेड भरे होकर, कई मरीजों को बेड उपलब्ध ना होने की स्थिति है। साथ ही, राज्य में निर्माण किये जानेवाले सारे वैद्यकीय ऑक्सीजन का इस्तेमाल करके भी ऑक्सीजन कम पड़ रहा है। मंगलवार को ऑक्सीजन की कमी के कारण सात लोगों की मृत्यु हुई।

कोरोना के कारण ऐसी भयावह परिस्थिति निर्माण हुई है, ऐसे में राज्य सरकार द्वारा पिछले दो हफ्तों से लॉकडाऊन लगाने के संकेत दिए जा रहे थे। लेकिन इस मामले में विशेषज्ञ, सभी पार्टियों के नेता और विभिन्न घटकों के प्रतिनिधियों से चर्चा करने के बाद, सख्त लॉकडाऊन न लगाते हुए लॉकडाऊन जैसे प्रतिबंधों की घोषणा की गई। इसके अनुसार बुधवार रात से अगले पंद्रह दिन राज्य में कर्फ्यू यानी संचार बंदी होनेवाली है। इससे पहले पिछले एक हफ्ते से रात की संचार बंदी जारी थी। लेकिन अब संपूर्ण संचार बंदी होनेवाली है। केवल अत्यावश्यक कारणों के लिए ही बाहर निकलने की अनुमति है। बिना किसी आवश्यक कारण के घर से बाहर ना निकलें, ऐसा आवाहन मुख्यमंत्री ने किया है।

इस संचार बंदी के दौरान रेल्वे और बस सेवा बंद नहीं रहेगी। लेकिन उसका इस्तेमाल सिर्फ अत्यावश्यक सेवा के कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा। पेट्रोलपंप, कॉर्गो सेवा भी शुरू रहने वाली है। साथ ही, हालांकि होटल, रेस्टॉरंटस् बंद रहेंगे, फिर भी पार्सल सेवा शुरू रहनेवाली है। इसके अलावा, सड़क पर खाद्य पदार्थ बेचनेवालों को भी ऐसी ही अनुमति दी गई है। वे भी आनेवाले ग्राहकों को पार्सल दे सकते हैं। बैंक, दूरसंचार सेवा, सेबी ने मान्यता दिए कार्यालय शुरू रहेंगे। साथ ही, कंस्ट्रक्शन की साइट पर वहाँ के मजदूरों के रहने का प्रबंध करें, ऐसी सूचना की गई है।

राज्य की गरीब जनता को इन प्रतिबंधों के दौर में, तीन किलो गेंहू और दो किलो चावल मुफ्त में दिए जानेवाले हैं। अधिकृत हॉकर्स को सहायता के रूप में १५०० रुपये दिए जानेवाले हैं। कंस्ट्रक्शन मजदूरों को भी ऐसी ही सहायता मिलनेवाली है। साथ ही, राज्य में जिला स्तर पर स्वास्थ्य सुविधा का निर्माण, दवाइयाँ आदि के लिए ३ हज़ार, ३०० करोड रुपयों का प्रावधान किया गया होने की जानकारी मुख्यमंत्री ने दी। इसके लिए कुल ५ हज़ार ४०० करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा मुख्यमंत्री ने की।

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